Thursday 3 November 2016

तीन सरकारी होम्योपैथी कालेजों को मान्यता छिनी

-कानपुर, गाजीपुर व मुरादाबाद की बीएचएमएस डिग्री पर संकट
-आयुष पाठ्यक्रमों की काउंसिलिंग आज से एसजीपीजीआइ में
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद कानपुर, गाजीपुर व मुरादाबाद स्थित सरकारी होम्योपैथी कालेजों की मान्यता छीन ली गयी है। पिछले वर्ष मान्यता गंवाने वाले छह आयुर्वेदिक कालेज इस बार मान्यता पाने में सफल हो गये हैं। अब राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) में बुधवार से काउंसिलिंग शुरू होगी।
प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में सात होम्योपैथी कालेज हैं। इनमें से चार कालेजों इलाहाबाद, फैजाबाद, लखनऊ एवं आजमगढ़ को मान्यता मिल गयी है। कानपुर, गाजीपुर व मुरादाबाद के कालेजों की मान्यता छिन गयी है। इससे प्रदेश में सरकारी कालेजों की बीएचएमएस सीटें घटकर 160 रह गयी हैं। मान्यता छिनने से कानपुर व गाजीपुर की 50-50 व मुरादाबाद की 40 सीटें तो घटी ही हैं, उनकी बीएचएमएस डिग्री भी संकट में पड़ गयी है। पिछले वर्ष राजकीय आयुर्वेदिक कालेजों में भी इसी तरह का संकट आया था, जब सिर्फ दो कालेज ही मान्यता पा सके थे। इस बार सभी आठ कालेज मान्यता पाने में सफल हो गए हैं। अब लखनऊ, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, झांसी, बरेली, पीलीभीत, इलाहाबाद एवं बांदा स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कालेजों की &20 बीएएमएस सीटें बहाल हो गयी हैं। इसी तरह लखनऊ व इलाहाबाद स्थित यूनानी कालेजों को मान्यता मिलने से उनकी 80 बीयूएमएस सीटें बहाल हो गयी हैं।
प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनिता भटनागर जैन ने बताया कि प्रदेश के राजकीय एवं निजी क्षेत्र के आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथी कालेजों में बीएएमएस, बीयूएमएस व बीएचएमएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी द्वारा आयोजित आयुष प्रवेश परीक्षा का परिणाम एक अक्टूबर को घोषित किया गया था। अब राजकीय कालेजों के साथ निजी क्षेत्र के दस आयुर्वेदिक कालेजों सहित कुल 1&90 सीटों के लिए प्रथम चक्र की काउंसिलिंग बुधवार, 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक एसजीपीजीआइ के टेलीमेडिसिन सेंटर में होगी।

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