Saturday 1 October 2016

डॉक्टरों को समय पर अस्पताल पहुंचाएगी बायोमीट्रिक हाजिरी

-जिलों से ब्लॉक तक सुबह आठ बजे पहुंचना होगा जरूरी
-सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगेंगी मशीनें
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक समय से डॉक्टरों के न पहुंचने की समस्या स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन गयी है। कुछ जिलों में बायोमीट्रिक हाजिरी का प्रयास सफल होने के बाद प्रदेश में अमल होगा।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित जिला अस्पताल हों या सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सबसे बड़ी समस्या वहां डॉक्टरों के पहुंचने की है। सभी अस्पतालों में बाह्यï रोगी विभाग (ओपीडी) का समय सुबह आठ बजे से है किन्तु कहीं भी डॉक्टर सुबह आठ बजे नहीं पहुंचते हैं। कई जगह तो ये डॉक्टर दस बजे तक नहीं पहुंचते और कई बार तो जाते ही नहीं और अगले दिन उपस्थिति रजिस्टर पर दस्तखत कर देते हैं। इसमें अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों की मिलीभगत भी रहती है। पिछले दिनों प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) ने सभी अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों व जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस बाबत चेतावनी भी दी थी किन्तु उन पर कोई असर नहीं हुआ। स्वयं प्रमुख सचिव पिछले दिनों स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करने गए तो उन्हें चिकित्सकों की मनमानी की शिकायत मिली। मरीजों का कहना था कि वे लोग सुबह आठ बजे से अस्पताल पहुंच जाते हैं किन्तु डॉक्टरों के न आने से दिक्कत होती है।
प्रमुख सचिव अरुण सिन्हा ने बताया कि डॉक्टरों के समय पर अस्पताल न पहुंचने से सर्वाधिक समस्या हो रही है। कई बार तो वे पूरी तरह अनुपस्थित ही हो जाते हैं। इस कारण शासन की मंशा के अनुरूप अधिक से अधिक मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। अब इस समस्या के समाधान के लिए सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला व मंडलीय चिकित्सालयों में चिकित्सकों की उपस्थिति बायोमीट्रिक मशीन से लगवाने का फैसला किया गया है। इलाहाबाद से इसकी शुरुआत हुई है और जल्द ही पूरे प्रदेश में इसका विस्तार किया जाएगा। सभी अस्पतालों में बायोमीट्रिक मशीनें लगाने के साथ उन्हें ऑनलाइन प्रणाली से स्वास्थ्य महानिदेशालय से जोड़ा जाएगा। उसके बाद लखनऊ से ही यह पता करना संभव होगा कि कौन डॉक्टर समय पर अस्पताल पहुंचा है, कौन नहीं। इससे लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई भी आसानी से संभव होगी। इस बाबत आदेश जारी कर दिये गए हैं। जल्द ही मशीनों के टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी कर इसी साल के अंत तक इस पर अमल सुनिश्चित कराया जाएगा। 

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