Friday 14 October 2016

रोडवेज में छुट्टियां निरस्त, तीन हजार अतिरिक्त बसें

-दीवाली में लोगों को घर पहुंचाने को शुरू हुई मशक्कत
-एनसीआर, पूर्वांचल व बुंदेलखंड में विशेष बंदोबस्त
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: दीवाली में ट्रेन हाउसफुल हो गयी हैं तो चिंता न करें। रोडवेज आपको त्योहार में घर पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। दीवाली के आसपास तीन हजार अतिरिक्त बसें चलाने के साथ इस दौरान सभी छुट्टियां भी निरस्त कर दी गयी हैं।
दीवाली पर यात्रियों को बिना किसी सुविधा के उनके घर तक पहुंचाने में रोडवेज कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती। 30 अक्टूबर, रविवार को दीवाली होने के कारण 28 अक्टूबर को सप्ताहांत (वीकेंड) से ट्रैफिक लोड बढ़ जाएगा। इस दौरान प्रदेश में कहीं भी ट्रेन के टिकट मिल ही नहीं रहे हैं, ऐसे में रोडवेज के सामने दोहरी चुनौती है। रोडवेज ने इसके लिए तीन हजार अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला किया है। ये बसे यूं तो पूरे उत्तर प्रदेश में चलेंगी, किन्तु सर्वाधिक फोकस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से जुड़े शहरों, पूर्वांचल व बुंदेलखंड पर रहेगा। गाजियाबाद, नोएडा व दिल्ली से पूरे प्रदेश के लिए विशेष बसें संचालित की जाएंगी। बनारस, गोरखपुर, आजमगढ़ सहित पूर्वांचल के जिलों के लिए भी विशेष बसों का संचालन किया जाएगा। इस बार बुंदेलखंड पर भी रोडवेज विशेष फोकस कर रहा है। बांदा, चित्रकूट से झांसी तक के लिए बसों का संचालन चाक-चौबंद करने के निर्देश दिये गए हैं। इसके अलावा दीवाली के आसपास छुट्टियां निरस्त करने का फैसला भी हो गया है। 26 अक्टूबर से चार नवंबर तक यात्रियों की भीड़ अधिक रहने की उम्मीद के चलते इस दौरान किसी भी चालक, परिचालक या बस संचालन से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी को छुट्टी नहीं मिलेगी।
कार्यशालाओं में काम बढ़ा
दीवाली से पहले बसों को चाक चौबंद करने पर भी जोर दिया जा रहा है। सभी कार्यशालाओं में काम बढ़ गया है। अतिरिक्त बसों के संचालन के साथ 200 किलोमीटर रूट वाली बसों के रूट बढ़ाने का फैसला किया गया है। ये बसें अब 400 किलोमीटर तक जाएंगी। कार्यशालाओं को उसी के अनुरूप तैयारी करने को कहा गया है। तमाम बसें महीनों से मरम्मत या रूटीन मेंटीनेंस के लिए कार्यशालाओं में खड़ी हैं, उन्हें ठीक कर सड़क पर उतारने के निर्देश दिये गए हैं।
बनेंगे अस्थायी बस अड्डे
रोडवेज प्रबंधन ने दीवाली के आसपास यात्रियों को अधिकाधिक सुविधा देने के लिए अस्थायी बस अड्डे बनाने के निर्देश भी दिये हैं। इसकी शुरुआत बुंदेलखंड से करने को कहा गया है। बुंदेलखंड में चित्रकूट, बांदा, झांसी आदि में तो बस अड्डे हैं, किन्तु रास्ते के तमाम ऐसे कस्बे हैं, जहां यात्री तो होते हैं, किन्तु बस अड्डे नहीं हैं। इसी तरह की स्थिति अन्य रूट्स पर भी है। प्रबंधन ने ऐसे स्थान चिह्नित कर दीवाली के दौरान वहां बस अड्डे बनाने के निर्देश दिये हैं।
(7/10/16)

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