Tuesday 20 September 2016

सन्नाटे में गूंजी फरियादें, विपक्ष ले रहा चटखारे

-राजनीतिक दलों के दफ्तरों में रही सूबे के सत्ता संघर्ष की गूंज
-पारिवारिक समाजवाद पर अटकलों संग नए समीकरणों के कयास
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: दोपहर के ढाई बजे हैं। सामान्य दिनों में गुलजार रहने वाला समाजवादी पार्टी कार्यालय आज शांत सा है। कमरों में ताला पड़ा है और फरियादी भटक रहे हैं। जब इन फरियादियों की आवाजें सन्नाटा तोडऩे लगीं तो उन्हें इकट्ठा कर शिकायतें सहेज ली गयीं और फिर सन्नाटा कायम हो गया।
बुधवार को सपा कार्यालयमें सन्नाटे सा आलम था तो अन्य दलों के प्रदेश कार्यालयों में समाजवादी परिवार के संघर्ष की गूंज होती रही। दरअसल सूबे का सत्ता संघर्ष सभी राजनीतिक दिलों के विमर्श का बड़ा बिन्दु बना हुआ है। कांग्र्रेस, भाजपा व बसपा के प्रदेश मुख्यालयों में चटखारे लेकर चर्चा करते हुए इस पूरे विवाद को पारिवारिक समाजवाद का नाम दिया गया। ये लोग इस संघर्ष के परिणाम को लेकर अटकलें लगाने के साथ समीकरणों में बदलाव पर भी चर्चा करते रहे।
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...नेताजी सब ठीक कर देंगे
समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सुबह से सन्नाटे का आलम था। यहां सामान्य रूप से पहुंचने वाले फरियादी तो थे ही, मुख्यमंत्री निवास से निराश फरियादी भी वहां पहुंच गये थे। कार्यालय में अगल-बगल के कमरों में राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के साथ प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अखिलेश यादव और लोकनिर्माण मंत्री के रूप में शिवपाल सिंह यादव की नाम पट्टिकाएं लगी थीं। लोग इन कमरों के पास आते, झांकते और फिर बारामदे में ही इंतजार करने लगते। जब बहुत देर हो गयी और कोई नहीं आया, तो फरियादी कुछ शोर करने लगे। दफ्तर के बाहर मीडिया की ओवी वैन लाइन प्रसारण में लगी थीं, इसलिए वहां मौजूद कर्मचारी भी सक्रिय हो गए। आनन फानन में विधायक एसआरएस यादव को बुलाया गया। वे सभी फरियादियों को कांफ्रेंस हॉल में ले गए, वहां उनकी शिकायतों के आवेदन लिये और बिना बोले ही चले आए। इस बीच कुछ कार्यकर्ता आए, तो वे उनसे भी मुखातिब नहीं हुए। किसी ने पूछा, यह सब क्या हो रहा है.... तो आवाज आयी, 'चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा। नेताजी सब ठीक कर देंगेÓ।
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...बेअसर होगा यह नाटक
बहुजन समाज पार्टी कार्यालय के गेट में प्रवेश करते ही नीला कुर्ता पहने अकबरपुर के रामप्रवेश मिलते हैं। उनके साथ कुछ और कार्यकर्ता आए हैं। यहां बहुत भीड़ तो नहीं है किन्तु जो कार्यकर्ता हैं वे उत्साहित हैं। यहां भी चर्चा सूबे के सत्ता संघर्ष को लेकर ही हो रही है। कार्यकर्ता कहते हैं कि बहनजी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुई समाजवादी पार्टी ने यह नाटक किया है। एक कार्यकर्ता बोला, इससे कोई फायदा नहीं होना है। यह नाटक बेअसर होगा और अबकी सरकार तो बहनजी ही बनाएंगी।
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...पुत्रमोह सबसे खतरनाक
कांग्र्रेस कार्यालय में अल्पसंख्यक विभाग के संयोजक सिराज मेंहदी व मीडिया विभाग के संयोजक सत्यदेव त्रिपाठी के कमरों में पंचायत चल रही है। एक नेता बोले, अरे सब मुलायम का प्लान्ड प्रोग्र्राम है। वे अखिलेश को साफ-सुथरा और बहुत बड़ा कर देना चाहते हैं। इस बीच दूसरे नेता बोले, जनता सब समझ रही है, इसका कोई असर नहीं होगा। चर्चा क्षेत्रीय व राष्ट्रीय दलों तक पहुंच जाती है। एक आवाज आयी, राष्ट्रीय दलों में ऐसी कोई गड़बड़ी नहीं होती, अब जनता को क्षेत्रीय दलों का दुष्परिणाम समझ में आ रहा होगा। इसका फायदा कांग्र्रेस को होगा और लोग हमसे जुड़ेंगे। अचानक एक नेता उठे और बोले, देखो, सब इतना आसान नहीं है। पुत्रमोह सबसे खतरनाक होता है और यहां भी यही दिख रहा है।
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...विषय से न भटकेगी जनता
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित के कमरे में कुछ नेता बैठे हैं। यहां भी चर्चा में सूबे का सत्ता संग्र्राम ही है। एक संगठन मंत्री कहते हैं, सब तरफ से निराश होकर सपा ने नयी चाल चली है। यहां तो कोई इसे स्वाभाविक संघर्ष ही नहीं मान रहा। एक नेता बोले, सब स्क्रिप्टेड (पहले से तैयार पटकथा का हिस्सा) है। एक आवाज आयी, भाजपा की मेहनत व बदलते माहौल से जनता का ध्यान बांटने की कोशिश हो रही है। चर्चा चलती रही और बार-बार निष्कर्ष निकलता रहा, अखिलेश की इमेज ब्रांडिंग के लिए हो रहा है यह सब, पर इस बार जनता विषय से न भटकेगी। 

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