Tuesday 19 July 2016

इंजीनियरिंग की पढ़ाई, ट्यूशन का कौशल


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-पूरी दुनिया में श्रेष्ठ शिक्षकों की कमी का उठाएंगे लाभ
-इंजीनियरिंग की पढ़ाई संग सिखाएंगे पढ़ाने का सही तरीका
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डॉ.संजीव, लखनऊ
कानपुर हो या कोटा, आइआइटी जैसे संस्थानों से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद युवा कोचिंग पढ़ा रहे हैं। अब प्राविधिक शिक्षा महकमा राज्य के इंजीनयरिंग कालेजों में स्किल डेवलपमेंट के तहत ट्यूशन का कौशल शामिल करने की तैयारी कर रहा है, ताकि अंतर्राष्ट्रीय जरूरतों के साथ भारतीय मेधा का दोहन प्रदेश के विद्यार्थियों के बीच से हो सके।
प्रदेश में ताबड़तोड़ खुले इंजीनियरिंग कालेजों से निकलने वाले विद्यार्थियों को रोजगार के उचित अवसर न मिलने के कारण इनकी लोकप्रियता लगातार घट रही है। हालत ये हैं कि डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) की काउंसिलिंग के दो चक्र पूरे होने के बाद भी बीटेक में बमुश्किल बीस हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है और 80 फीसद से अधिक सीट्स खाली हैं।
प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए विद्यार्थियों के कौशल विकास पर फोकस करने की तैयारी की है। इसमें भी दुनिया भर में जिस तरह के कौशल की जरूरत है, उसे चिह्नित कर विद्यार्थियों को उससे जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस बाबत राजधानी लखनऊ स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) के शिक्षकों से अध्ययन कराया गया तो पूरी दुनिया में गणित व विज्ञान विषयों के अच्छे शिक्षकों की कमी बड़े विषय के रूप में सामने आयी। आकलन में पता चला कि ऑनलाइन शिक्षा देने का बड़ा प्लेटफार्म है किंतु गणित व विज्ञान में चैम्पियन होने के बावजूद सूबे के इंजीनियरिंग छात्र-छात्राएं करियर के लिए इस दिशा में आगे नहीं बढ़ पाते हैं। आइआइटी या एनआइटी आदि से निकलने वाले मेधावी तो सिर्फ कोचिंग पढ़ाकर ही लाखों रुपये कमा रहे हैं। तय हुआ कि इंजीनियरिंग कालेजों में पढ़ाई के साथ ट्यूशन का कौशल भी विकसित किया जाए। प्राविधिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने इस दिशा में आगे बढऩे और व्यापक प्रस्ताव बनाने की पहल की है। अब इन विद्यार्थियों को उपयुक्त मंच प्रदान करने पर सहमति बन चुकी है। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय जरूरतों के अनुरूप अपडेट किया जाएगा और इसके लिए विशेष मॉड्यूल्स भी बनाए जा रहे हैं। इन मॉड्यूल्स में पूरा फोकस अच्छी अंग्र्रेजी के साथ विद्यार्थियों की कम्युनिकेशन स्किल्स सुधारने पर होगा। जल्द ही कैबिनेट के समक्ष पूरा प्रस्ताव लाया जाएगा, ताकि परियोजना को औपचारिक रूप दिया जा सके।
बनेगा ऑनलाइन प्लेटफार्म
इस पूरी परियोजना को एक ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सभी (सरकारी व निजी) इंजीनियरिंग कालेजों के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। विश्वविद्यालय स्तर पर उनका यूजर आइडी बनाया जाएगा, ताकि वे इससे जुड़ सकें। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जरूरत के अनुरूप उन्हें ऑनलाइन ट्यूशन के अवसर मिलेंगे। अभी एकेटीयू को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी, भविष्य में इस पूरी परियोजना को कानपुर की ट्रांसगंगा सिटी में प्रस्तावित कौशल विकास विश्वविद्यालय के साथ जोड़ दिया जाएगा।

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