Thursday 14 July 2016

छुट्टियों में भी चैन से नहीं बैठेंगे इंजीनियरिंग विद्यार्थी


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-अब पहले व दूसरे साल भी उद्योगों के साथ प्रोजेक्ट का प्रस्ताव
-तीसरे और चौथे साल व्यक्तित्व विकास के लिए विशेष पाठ्यक्रम
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सूबे के सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों के विद्यार्थी अब छुट्टियों में भी चैन से नहीं बैठेंगे। सेवायोजन के मौके बढ़ाने के लिए उन्हें पहले व दूसरे साल भी उद्योगों के साथ प्रोजेक्ट करने होंगे, वहीं तीसरे व चौथे साल व्यक्तित्व विकास के लिए विशेष पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाएगा।
इंजीनियरिंग कालेज तो तेजी से खुल गए किंतु प्लेसमेंट न होने से मेधा का रुझान उनकी ओर नहीं है। हालत ये हैं कि इस वर्ष डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के लिए कराई गयी परीक्षा के बाद बीटेक तक में प्रवेश के लिए उत्साह नहीं दिख रहा है। सवा लाख सीटों के सापेक्ष महज 15 हजार विद्यार्थियों ने इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश लिया है। इसके पीछे प्लेसमेंट खराब होना सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। हालात ये हैं कि सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में शीर्ष पर माने जाने वाले लखनऊ के आइईटी और कानपुर के एचबीटीआइ तक में बीटेक विद्यार्थियों का प्लेसमेंट औसतन 70 फीसद के आसपास सिमट कर रह गया है। अन्य कालेजों की स्थिति तो और खराब है।
प्राविधिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने बताया कि विद्यार्थियों को एम्प्लायबिलिटी बढ़ाने के लिए उन्हें लगातार व्यस्त रखने व सामान्य पाठ्यक्रम से जुड़ी पढ़ाई के अलावा उद्योगों से उनका जुड़ाव बढ़ाने व व्यक्तित्व विकास के लिए विशेष पाठ्यक्रम संचालित किये जाएंगे। अभी तीसरे वर्ष के बाद विद्यार्थी उद्योगों में विशेष प्रशिक्षण के लिए जाते हैं। अब पहले व दूसरे वर्ष के बाद भी उद्योगों से विद्यार्थियों को जोडऩे का प्रस्ताव है। उद्योग समूह इन विद्यार्थियों का स्वागत करते हैं, बस संस्थानों के प्लेसमेंट सेल को सक्रियता बढ़ानी होगी। इसके लिए निदेशकों को निर्देश दिये गए हैं। तीसरे व चौथे वर्ष में विद्यार्थियों को व्यक्तित्व विकास का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। शासन की 'टेक इट' योजना से संबंधित संस्थानों को भुगतान किया जाएगा। वे स्वयं कालेजों का नियमित निरीक्षण करेंगी।

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