Saturday 2 July 2016

अफसर दबाए बैठे सरकारी अनुदान की फाइलें


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-शादी अनुदान व पारिवारिक लाभ देने में एसडीएम-बीडीओ अड़ंगा
-जिलाधिकारियों व मंडलायुक्तों से समीक्षा व हस्तक्षेप को कहा गया
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : अखिलेश सरकार भले ही पारिवारिक लाभ व शादी अनुदान जैसी योजनाओं के विस्तार का दावा करे, किंतु अफसरों की ढिलाई सरकार की छवि खराब करने में पीछे नहीं है। समाज कल्याण विभाग की पड़ताल में पता चला है कि अफसर सरकारी अनुदान की फाइलें दबाए बैठे हैं। अब जिलाधिकारी व मंडलायुक्तों से मामले में हस्तक्षेप को कहा गया है।
सरकार समाज के सभी वर्गों के गरीबों को बेटियों के ब्याह के लिए शादी अनुदान योजना के तहत 20 हजार रुपये व किसी गरीब परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर 30 हजार रुपये अनुदान देती है। इसकी पूरी आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गयी है। ग्र्रामीण क्षेत्रों में बीडीओ व शहरी क्षेत्रों में एसडीएम को इन आवेदनों का परीक्षण कर भुगतान सुनिश्चित कराना होता है। समाज कल्याण विभाग ने हाल ही में आंकलन कराया तो पता चला कि एसडीएम व बीडीओ, दोनों स्तर पर इस मामले में घोर लापरवाही की जा रही है। पारिवारिक लाभ योजना के अब तक आए 84,607 आवेदनों में से सिर्फ 2,694 का भुगतान हुआ है। शादी अनुदान योजना के 64,744 आवेदनों में से सिर्फ 898 लोगों को भुगतान किया गया है। शेष लोग प्रतीक्षा में हैं और दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं किंतु उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। इस लापरवाही को शासन ने बेहद गंभीरता से लिया है। समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने जिलाधिकारियों व मंडलायुक्तों को पत्र लिखकर अभियान चलाकर इन आवेदनों का निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा है। इसके लिए उनसे बीडीओ व एसडीएम के स्तर पर सीधे व नियमित समीक्षा करने को कहा गया है।
शाहजहांपुर सबसे पीछे
आवेदनों के निस्तारण में शाहजहांपुर सबसे पीछे है। यहां ग्र्रामीण क्षेत्र में 2912 व शहरी क्षेत्र में 254 आवेदन लंबित हैं। बीडीओ के स्तर पर ढिलाई में शाहजहांपुर के बाद 2591 लंबित आवेदनों के साथ खीरी दूसरे 2258 लंबित आवेदनों के साथ रायबरेली तीसरे स्थान पर है। शहरी क्षेत्र की दृष्टि से एसडीएम के स्तर पर लापरवाही के मामले में शाहजहांपुर से भी आगे फीरोजाबाद व झांसी हैं। फीरोजाबाद के 311 व झांसी के 300 आवेदन एसडीएम के स्तर पर लंबित हैं।
15 दिन में करें निस्तारण
लंबित आवेदनों का निस्तारण 15 दिन में करने के निर्देश दिये गए हैं। ऐसा न करने वाले एसडीएम व बीडीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारियों व मंडलायुक्तों को सीधी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। -सुनील कुमार, प्रमुख सचिव (समाज कल्याण)

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