Friday 6 May 2016

तीन सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों को स्वायत्तता


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-बिजनौर, अंबेडकर नगर व बांदा में सोसायटी बनाकर संचालन
-एआइसीटीई से मान्यता की प्रक्रिया शुरू, छह माह में अमल
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : गोरखपुर के एमएमएमआइटी और कानपुर के एचबीटीआइ को विश्वविद्यालय का दर्जा देने के बाद प्रदेश सरकार तीन राजकीय इंजीनियरिंग कालेजों को जल्द स्वायत्तता मिल जाएगी। बिजनौर, अंबेडकर नगर व बांदा इंजीनियरिंग कालेजों के संचालन को सोसायटी बनाकर स्वायत्तता देने पर अमल शुरू हो गया है।
उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के बड़े हिस्से की कमान डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के पास है। ढाई साल पहले एकेटीयू से संबद्ध गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज को प्राविधिक विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया गया था। इस वर्ष कानपुर के हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट को प्राविधिक विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया गया है। अब एकेटीयू से सरकारी क्षेत्र के 13 इंजीनियरिंग कालेज संबद्ध हैं। इनमें से आइईटी लखनऊ के साथ बांदा, बिजनौर, आजमगढ़ व अंबेडकर नगर के राजकीय इंजीनियरिंग कालेज एकेटीयू के घटक कालेज के रूप में संचालित हो रहे हैं।
घटक संस्थान होने के कारण इनसे जुड़े फैसले एकेटीयू ही लेता है। आइईटी व एकेटीयू की खींचतान तो आम बात हो गयी है, अन्य कालेजों के फैसलों में भी कई दफा विलंब की शिकायत आती रहती है। प्रदेश सरकार ने अब बिजनौर, अंबेडकर नगर व बांदा के इंजीनियरिंग कालेजों को स्वायत्तता देने का फैसला किया है। प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव मुकुल सिंहल के मुताबिक इन तीनों संस्थाओं को सोसायटी बनाकर संचालित किया जाएगा। इससे वे तात्कालिक फैसले ले सकेंगे और कामकाज की रफ्तार भी बढ़ेगी। इन तीनों कालेजों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) से मान्यता की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। एआइसीटीई की टीम इनका निरीक्षण भी कर चुकी है। इस बाबत सकारात्मक रिपोर्ट आई है और अगले छह माह में स्वायत्तता की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इन तीनों के बाद आजमगढ़ के राजकीय इंजीनियरिंग कालेज को स्वायत्तता की पहल होगी।
शुरू होंगे 26 नए पॉलीटेक्निक
प्रदेश के 26 नए पॉलीटेक्निक संस्थानों को एआइसीटीई की मान्यता मिल गयी है। अब इनका संचालन शैक्षिक सत्र 2016-17 से शुरू हो जाएगा। खुर्द मवाना (मेरठ), छपरौली (बागपत), कोटवन (मथुरा), डिबाई (बुलंदशहर), सुंदुरिया व चोपन (सोनभद्र), राजगढ़ व चुनार (मिर्जापुर), बिंदकी (फतेहपुर), संतकबीर नगर, चरियांव (देवरिया), किनौरा (सुलतानपुर), अलिया (सीतापुर), पूरनपुर (पीलीभीत), बीघापुर (उन्नाव) के राजकीय पालीटेक्निक इस साल शुरू होंगे। इसी तरह कासगंज, अलीगढ़, माती (कानपुर देहात), दिबियापुर (औरैया), कन्नौज, कुशीनगर, महाराजगंज, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, कौशांबी व श्रावस्ती में महामाया पॉलीटेक्निक ऑफ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी को भी एआइसीटीई की हरी झंडी मिल गयी। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने ढोलना (हापुड़), शामली, खीरी व चंदौली में भी नए पॉलीटेक्निक के लिए एआइसीटीई में आवेदन किया था, किन्तु इन्हें मंजूरी नहीं मिली है।

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