Wednesday 6 April 2016

बीटेक की चाह घटी, डिप्लोमा में उछाल


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-एकेटीयू से जुड़े संस्थानों से विद्यार्थियों का मोहभंग
-एमबीए व एमसीए के आवेदनों में भी आयी गिरावट
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में ताबड़तोड़ खुले इंजीनियरिंग कालेज अभ्यर्थियों को रिझाने में विफल हो रहे हैं। इस वर्ष प्रवेश के लिए आए आवेदन बताते हैं कि बीटेक की चाह घटी है, वहीं डिप्लोमा में उछाल आया है। यही नहीं, एमबीए व एमसीए के आवेदनों में भी गिरावट आई है।
एक दशक में इंजीनियरिंग कालेजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। सरकारी क्षेत्र के राज्य इंजीनियरिंग कालेजों व निजी इंजीनियरिंग कालेजों को डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से संबद्ध किया जाता है। इन संस्थानों में प्रवेश लेकर बीटेक करने का क्रेज अब पहले जैसा नहीं रहा, यह बात इनमें प्रवेश के लिए आए आवेदनों से स्पष्ट हो रही है। इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आकड़ों को आधार बनाएं तो पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अभ्यर्थियों की संख्या खासी कम हुई है। पिछले वर्ष जहां 1,72,197 विद्यार्थियों ने बीटेक में प्रवेश की आस लेकर संयुक्त प्रवेश परीक्षा का फॉर्म भरा था, इस बार यह संख्या घटकर 1,43,838 रह गयी है। इस तरह इस वर्ष बीटेक के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में महज 83.5 फीसद रह गयी है।
एकेटीयू से संबद्ध संस्थानों में एमबीए व एमसीए में प्रवेश चाहने वालों की संख्या भी घटी है। वर्ष 2015 में एमबीए में प्रवेश के लिए 10839 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। इस वर्ष आवेदन करने वालों की संख्या घटकर 9049 यानी 83.5 फीसद रह गयी है। प्रतिशत के आधार पर आकलन करें तो सर्वाधिक बुरी स्थिति एमसीए की है। पिछले वर्ष एमसीए के लिए 4258 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था। इसके विपरीत इस वर्ष महज 56 फीसद यानी 2394 विद्यार्थियों ने ही आवेदन किया है। बीटेक, एमबीए व एमसीए के आवेदक भले ही घटे हों, डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश चाहने वालों की संख्या इस बार बढ़ी है। पिछले वर्ष 2015 में प्रदेश के पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्रवेश के लिए 5,17,551 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था। इस बार इसमें उछाल आया और आवेदकों की संख्या बढ़कर 5,31,152 हो गयी है। इस तरह इस वर्ष 2016 में पॉलीटेक्निक में प्रवेश चाहने वालों की संख्या 13,601 बढ़ी है।
गुणवत्ता व रोजगारपरक शिक्षा पर फोकस
पूरे देश में इंजीनियरिंग शिक्षा को लेकर ऐसा ही ट्रेंड है। उसी के अनुरूप बीटेक व अन्य पाठ्यक्रमों में आवेदकों की संख्या घटी है। हमारा फोकस गुणवत्ता व रोजगारपरक शिक्षा पर है। इसके बाद निश्चित रूप से यह संख्या बढ़ेगी और विद्यार्थी प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों का रुख करेंगे। -प्रो.विनय पाठक, कुलपति, डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय
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रोजगार के अवसरों की संख्या भी बढ़ाई
हमारा पूरा जोर पॉलीटेक्निक संस्थानों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर है। इन संस्थानों में रोजगार के लिए अवसरों की संख्या भी बढ़ाई गयी है। इसका परिणाम डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या बढऩे के रूप में सामने आया है। इसमें सर्वाधिक सकारात्मक पहलू यह है कि छात्राओं की संख्या छात्रों की तुलना में अधिक बढ़ी है। -एफआर खान, सचिव, संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद

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