Monday 4 April 2016

बीटेक में सिखाएंगे खाने-पहनने का सलीका


-नए सत्र से बदलेगा इंजीनियरिंग कालेजों का पाठ्यक्रम
-दुनिया से मुकाबले को तैयार करने की पहल
----
डॉ.संजीव, लखनऊ
प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इंजीनियरिंग कालेजों में पाठ्यक्रम बदलाव की पहल की है। अब बीटेक छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग के साथ कपड़े पहनने व खाने का सलीका भी सिखाया जाएगा। तीन माह के भीतर पहले सेमेस्टर का बदला पाठ्यक्रम तय हो जाएगा, उसके बाद धीरे-धीरे हर सेमेस्टर का पाठ्यक्रम बदलेगा।
प्रदेश में ताबड़तोड़ खुले इंजीनियरिंग कालेजों ने हर साल इंजीनियरों की संख्या तो बढ़ा दी किन्तु उन्हें स्तरीय रोजगार के अवसर नहीं मुहैया कराए। बीटेक के बाद भारी संख्या में छात्र-छात्राएं बीएड करके प्राइमरी शिक्षक बनने की कतार में खड़े हो गए तो कुछ लिपिक व चपरासी तक बनने के लिए आवेदन करने लगे। कैम्पस इंटरव्यू के दौरान विभिन्न कंपनियों को संतुष्ट न कर पाना भी एक समस्या है। प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा मुकुल सिंघल के मुताबिक इन संस्थानों से निकलने वाले छात्र-छात्राएं भावी सेवायोजकों के सामने स्वयं को ठीक से प्रस्तुत ही नहीं कर पाते, इसलिए अब उनकी 'प्रेजेंटेबिलिटी' पर फोकस करने की तैयारी है। ऐसा सिर्फ डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी यानी एकेटीयू (पूर्व में यूपीटीयू) से संबद्ध कालेजों के साथ नहीं है कि उन्हें ग्रामीण या सामान्य पृष्ठभूमि के छात्र-छात्राएं मिलते हैं, आइआइटी जैसे संस्थानों में भी है। हालांकि वहां पहले सेमेस्टर से ही उनकी 'पर्सनॉलिटी' पर फोकस रहता है। जिस तरह वहां इन छात्र-छात्राओं के वैयक्तिक विकास को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है, उसी तर्ज पर एकेटीयू का पाठ्यक्रम बदलने की तैयारी है। एकेटीयू की पाठ्यक्रम समिति से इस बाबत प्रस्ताव मांगे गए हैं, साथ इसमें आइआइटी व अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों की सलाह भी ली जा रही है। अगले तीन माह में पहले सेमेस्टर में प्रस्तावित बदलावों को मूर्त रूप दे दिया जाएगा ताकि जुलाई 2016 से शुरू होने वाले सत्र से बदला पाठ्यक्रम लागू किया जा सके। इसके बाद हर सेमेस्टर में नया पाठ्यक्रम होगा और यह पूरा बैच नए पाठ्यक्रम के साथ बीटेक करके निकलेगा। इसमें कपड़े पहनने व खाना खाने तक के तौर तरीके सिखाए जाएंगे। उनके 'कम्युनिकेशन स्किल' व 'निगोशियेशन स्किल' में सुधार को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।
वे कर सकें मुकाबला
पाठ्यक्रम बदलाव में पूरा जोर बाजार की जरूरतों पर है। अभी बीटेक पाठ्यक्रम में सिर्फ इंजीनियरिंग व संबंधित ब्रांच की पढ़ाई ही होती है। इधर एमआइटी जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों व आइआइटी जैसे प्रमुख भारतीय संस्थानों ने अपने विद्यार्थियों को व्यापारिक जानकारी से लैस करना शुरू किया है। एकेटीयू के बीटेक पाठ्यक्रम में भी कामर्शियल एकाउंटिंग, कॉरपोरेट लॉ, कांट्रैक्ट लॉ व कम्पनी रूल्स को भी शामिल किया जाएगा।
बदलाव समय की मांग
बीटेक पाठ्यक्रमों में बदलाव के बाद दूसरे चरण में पॉलीटेक्निक पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जाएगा। वहां भी पूरा जोर सॉफ्ट स्किल्स पर रहेगा।
-मुकुल सिंघल, प्रमुख सचिव (प्राविधिक शिक्षा)

No comments:

Post a Comment