Monday 14 March 2016

आयुर्वेद भर्ती घोटाले में तीन और निलंबित


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-एक सेवानिवृत्ति चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ होगी कार्रवाई
-दो चिकित्सकों सहित पांच पर गिर चुकी निलंबन की गाज
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : आयुर्वेद भर्ती घोटाले में एक चिकित्सक सहित तीन और लोग निलंबित किये गए हैं। एक सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गयी है। अब तक दो चिकित्सकों सहित पांच पर निलंबन की गाज गिर चुकी है।
बीते माह आयुर्वेद विभाग में फर्जी नियुक्ति का बड़ा मामला प्रकाश में आया था। क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी हमीरपुर के कार्यालय में ज्वाइन करने पहुंचे फतेहपुर के अमौली निवासी आशीष के नियुक्ति पत्र पर शक होने पर उसे जांच के लिए राजधानी स्थित आयुर्वेद निदेशालय भेजा गया था। पता चला कि एक साथ सात लोगों के फर्जी नियुक्ति पत्र जारी हो गए थे। इस मामले की जांच के साथ मुकदमा कायम कराने के आदेश हुए ही थे, कि उरई में कानपुर के कर्नलगंज निवासी अनूप कुमार सोनकर को ज्वाइन कराकर तीन माह का वेतन देने की बात पता चली। इसी तरह के कुछ अन्य फर्जी नियुक्ति पत्र सामने आने पर मुकदमा कराने के साथ जांच के आदेश भी दिये गए थे।
जांच शुरू होते ही उरई के क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डॉ.डीके जैन व वहां के कार्यालय प्रभारी मोहम्मद मियां को निलंबित कर दिया गया था। इन सबसे हुई पूछताछ के बाद बबीना के फार्मासिस्ट विजेंद्र स्वरूप, उरई के लिपिक अमित जाटव और बिजौली के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.वीरेंद्र सोनकर को भी निलंबित कर दिया गया है। डॉ.सोनकर ने आनन-फानन अनूप के कागजातों का वेरीफिकेशन किया था और इस बाबत कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे। सेवानिवृत्त हो चुके डॉ.धनीराम चंचल के खिलाफ कार्रवाई के लिए आयुर्वेद निदेशालय ने शासन को संस्तुति की है। डॉ.चंचल ने अनूप सोनकर को अपने घर में बैठकर ज्वाइन कराया था, जबकि उस समय उनके पास कार्यवाहक क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी का कार्यभार था। इस बीच मामले की जांच कर रहे संयुक्त निदेशक जेएस मिश्र ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है। उधर निलंबन के साथ ही मामले सभी मामलों की अलग-अलग जांच भी कराई जा रही है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारियों की भूमिका की जांच शासन ने आयुर्वेद निदेशक को सौंपी है, वहीं अन्य कर्मचारियों की भूमिका की जांच कानपुर के क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी को सौंपी गयी है।

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