Thursday 17 March 2016

फेसबुक नहीं देखने देगा विधानसभा का 'फेस'


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-भाजपा के ज्यादातर विधायक नहीं पूरा करते टिकट का मापदंड
-ट्विटर व फालोअर्स के मामले में फिसड्डी दावेदार परेशान
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डॉ.संजीव, लखनऊ : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में रहे एक विधायक इस समय परेशान हैं। उनका फेसबुक पेज है नहीं और एकाउंट पर भी बमुश्किल तीन हजार लोग उनसे जुड़े हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा विधायक का टिकट मांगने के लिए सोशल मीडिया पर 25 हजार फॉलोअर की शर्त लगाए जाते ही उन्होंने बेटे को सक्रिय कर दिया है। उनके सहित भाजपा के बहुत से विधायक फेसबुक या ट्विटर पर सक्रिय नहीं हैं। ऐसे में दोबारा विधानसभा का 'फेस' देखने की राह में फेसबुक रोड़ा बन सकती है।
भाजपा नेतृत्व ने पार्टी के विधायकों व सांसदों को सोशल मीडिया में सक्रिय रहने की सलाह देने के साथ ही विधानसभा का टिकट मांगने के लिए 25 हजार फॉलोअर्स होने की शर्त रख दी है। नए टिकटार्थी तो जनता के बीच समर्थन जुटाने के साथ फेसबुक व ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर जुट ही गये हैं, सबसे ज्यादा चुनौती मौजूदा विधायकों के सामने है। इस समय भाजपा के 41 विधायक हैं। 25 हजार फॉलोअर्स तक पहुंचना तो दूर, इनमें से अधिकांश सोशल मीडिया में सक्रिय ही नहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी भले ही सांसदों से खुद अपना स्मार्ट फोन चलाने व सोशल मीडिया हैंडल करने को कहें, भाजपा विधायकों में जो सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं, उनके संचालन का जिम्मा उनके बच्चे या सहायक संभालते हैं। बुधवार को टिकट के लिए सोशल मीडिया अनिवार्यता संबंधी खबर छपने के बाद ये विधायक सक्रिय तो हुए किन्तु अनमने ढंग से। इनमें से अधिकांश का कहना था कि पार्टी नेतृत्व के फैसले का पालन होगा और वे जल्द से जल्द लक्ष्य की प्राप्ति कर लेंगे, ताकि टिकट में बाधा न आए।
झंझट लगता था, अब सीखूंगा
विधायक रवीन्द्र भड़ाना का फेसबुक पेज उनका बेटा संभालता है। उनके फॉलोअर्स की संख्या है 6065। वे बोले, पहले इसमें रुचि नहीं थी और ये सब झंझट लगता था, किन्तु अब खुद सीखूंगा और ऑपरेट करूंगा। विधायक सतीश महाना के पेज पर 3,265 लाइक्स हैं। बोले, अब इसे बढ़ाएंगे।
हमें चाहते हो तो लाइक करो
विधायक जगन प्रसाद गर्ग का एकाउंट भतीजा संभालता है। वे बोले, अभी पेज पर 2500 लाइक्स व एकाउंट पर 3500 फॉलोअर हैं। जल्द ही एक लाख कर देंगे। लोगों से कहेंगे, हमें चाहते हो तो पेज लाइक करो। विधायक सत्यप्रकाश अग्र्रवाल का फेसबुक व ट्विटर एकाउंट तो है पर वे अब सक्रिय होंगे। विधायक रघुनंदन भदौरिया का फेसबुक पेज ही नहीं है। बोले, मेरा पीए फेसबुक चलाता है, उससे कहकर पेज बनवा देंगे।
फेसबुक से नहीं चलती राजनीति
विधायक धर्मपाल सिंह का कहना है कि वह गांव की राजनीति करते हैं और गांव के लोगों के बीच रहते हैं। उनके प्रोफाइल से 3500 लोग जुड़े हैं, यह संख्या अभी और बढ़ाई जाएगी। विधायक सत्यदेव पचौरी कहते हैं कि अभी तक लगता था फेसबुक से राजनीति नहीं चलती, सिर्फ विकास पर फोकस रहता था।
ऐसा नियम नहीं बन सकता
विधायक योगेंद्र उपाध्याय के दो प्रोफाइल व एक फेसबुक पेज से 15 हजार लोग जुड़े हैं। बोले, ऐसा नियम नहीं बन सकता है, फिर भी होगा तो मानेंगे। विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्र्रवाल के फेसबुक एकाउंट पर 4,981 लोग जुड़े हैं तो 6,251 लोग फॉलो कर रहे हैं।
फर्जी एकाउंट से परेशान सोम
विधायक संगीत सोम के फेसबुक पेज पर 3,09,217 फॉलोअर हैं, किन्तु वे अपनी फर्जी एकाउंट्स से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि एक एकाउंट वह स्वयं संचालित करते हैं और फर्जी एकाउंट्स की कई बार शिकायत कर चुके हैं। विधायक गोपालजी टंडन के फेसबुक एकाउंट से 4,493 लोग जुड़े हैं और 9,370 लोग उन्हें फॉलो करते हैं। विधायक सुरेश राणा के पेज पर 3,270 लाइक्स नजर आते हैं।
नहीं ली प्रोफेशनल की मदद
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ.लक्ष्मीकांत वाजपेयी के पेज पर 24,429 लाइक्स हैं। वह स्वयं यह पेज संचालित करते हैं और ट्विटर एकाउंट भी खुद ही संभालते हैं। इसके लिए कभी प्रोफेशनल की मदद नहीं ली, वरना उनके मुताबिक एक महीने में एक लाख लाइक्स हो जाएंगे। विधायक दल के नेता सुरेश खन्ना के समर्थकों ने एक पेज बना रखा है, जिस पर मात्र 1,570 लाइक्स हैं।

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