Wednesday 16 March 2016

यह 'फिनिशिंग स्कूल' देगा आइआइटी को टक्कर


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-इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को ज्यादा रोजगार का लक्ष्य
-गुणवत्ता सुधारने को शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी रहेगा पूरा जोर
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डॉ.संजीव, लखनऊ
देश में श्रेष्ठ इंजीनियरिंग शिक्षा का पर्याय माने जाने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को प्रेरक मानकर उन्हें टक्कर देने के लिए प्रदेश में 'इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज' की परिकल्पना की गयी है। प्रदेश के इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को ज्यादा रोजगार दिलाने का लक्ष्य बनाकर प्रस्तावित इस 'फिनिशिंग स्कूल' में इंजीनियरिंग कालेजों की गुणवत्ता सुधारने के लिए उनके शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी पूरा जोर दिया जाएगा।
प्रदेश में डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से संबद्ध इंजीनियरिंग कालेजों में शिक्षा का स्तर लगातार सवालों के घेरे में है। पिछले कुछ वर्षों में न सिर्फ अनेक कालेज बंद हुए हैं, बल्कि इनमें प्रवेश का उत्साह कम हो जाने से भारी संख्या में सीटें खाली रह जाती हैं। इस समय एकेटीयू से संबद्ध 350 इंजीनियरिंग कालेजों से हर साल औसतन एक लाख विद्यार्थी बीटेक पास होकर निकलते हैं। इन कालेजों से बीटेक करने वाले छात्र-छात्राओं में बेरोजगारी इस कदर हावी है कि पिछले दिनों सचिवालय में चपरासी बनने के लिए बीटेक ने भी फार्म भरा है। विशिष्ट बीटीसी से प्राइमरी शिक्षक बनने वालों में भी यूपीटीयू से बीटेक करने वालों की संख्या कम नहीं है। इन स्थितियों में सुधार के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग ने आंकलन कराया तो पता चला कि संस्थानों में शिक्षकों के स्तर में सुधार जरूरी है।
इन स्थितियों से निपटने के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज की स्थापना का फैसला किया है। प्रमुख सचिव (प्राविधिक शिक्षा) मुकुल सिंघल ने बताया कि यह संस्थान एक 'फिनिशिंग स्कूल' के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में पढऩे वाले छात्र-छात्राएं जब रोजगार के लिए साक्षात्कार का सामना करते हैं तो उनकी 'प्रेजेंटिबिलिटी' पर सवाल खड़े होते हैं, जिससे उनकी 'इम्प्लायबिलिटी' भी प्रभावित होती है। यह 'फिनिशिंग स्कूल' तमाम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की तर्ज पर इन छात्र-छात्राओं को तैयार करेगा। इसके लिए न सिर्फ उन्हें आधुनिक मशीनों पर प्रशिक्षण देने पर जोर दिया जाएगा, बल्कि अलग-अलग विशिष्टताओं के सर्टिफिकेट कोर्स भी संचालित किये जाएंगे। इन इंजीनियरिंग कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए भी मॉड्यूल बनेंगे। संस्थान राजधानी लखनऊ में नये बन रहे एकेटीयू परिसर में स्थापित होगा, किन्तु ये सभी प्रशिक्षण प्रदेश भर में अलग-अलग स्थानों पर समयबद्ध ढंग से दिये जाएंगे।
बनी उच्चस्तरीय समिति
इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए आइआइटी कानपुर के पूर्व निदेशक प्रो.एसजी धांडे, इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस बंगलुरु के पूर्व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो.एचपी खिन्चा, आइआइआइटी इलाहाबाद के निदेशक प्रो.सोमनाथ विश्वास, यूपीटीयू के पूर्व कुलपति प्रो.प्रेमव्रत की एक समिति बनाई गयी है। संस्थान की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी बन गयी है। इसे जल्द ही मंजूरी दिलाकर संस्थान को अमल में लाया जाएगा।

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