Tuesday 2 February 2016

एक प्लेटफार्म प्रतिभा का


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'मेड इन यूपी' पर फोकस
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-विश्वस्तरीय प्रयोगशालाओं में शोध व विकास पर होगा जोर
-आइआइटी व आइआइएम विशेषज्ञ भी जोडऩे की तैयारी
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डॉ.संजीव, लखनऊ : युवाओं के लिए अच्छी खबर। प्राविधिक शिक्षा महकमा इनोवेशन व इन्क्यूबेशन नेटवर्क बना कर सूबे की प्रतिभा को पंख लगाने की पहल कर रहा है। इस नेटवर्क से राज्य के आठ इंजीनियरिंग कालेज जोडऩे की तैयारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे 'मेड इन इंडिया' के जवाब में प्रदेश सरकार 'मेड इन यूपी' पर फोकस करने की रणनीति बना रही है। इसके तहत उद्यमियों व मेधावियों को वातावरण और शोध सुविधा मुहैया कराने की पहल प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है। राजकीय इंजीनियरिंग कालेजों में प्रस्तावित इनोवेशन व इनक्यूबेशन नेटवर्क से तीन प्राविधिक विश्वविद्यालयों के साथ आठ संस्थान सीधे जोड़े जाएंगे। कानपुर के हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट को विश्वविद्यालय में बदलने का फैसला हो चुका है और एचबीटीयू इस नेटवर्क का प्रमुख केंद्र होगा। गोरखपुर का मदनमोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय और लखनऊ के डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से जुड़े लखनऊ, झांसी व सुलतानपुर के इंजीनियरिंग कालेज नेटवर्क का हिस्सा होंगे। बांदा, बिजनौर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मैनपुरी, कन्नौज व सोनभद्र के इंजीनियरिंग कालेजों में से तीन का चयन किया जाएगा।
प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव मुकुल सिंघल ने बताया कि इन सभी संस्थानों में सेंटर फॉर इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन की स्थापना कर उन्हें जोड़ा जाएगा। इनमें विश्वस्तरीय प्रयोगशालाएं तो होंगी ही, नवीन शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय विद्वानों को इस नेटवर्क का हिस्सा बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में आइआइटी व आइआइएम जैसी संस्थाएं हैं। उनके विशेषज्ञों को भी इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, ताकि  इंजीनियरिंग कालेजों के छात्र व शोधार्थी लाभ उठा सकें। चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक हर हाल में इन केंद्रों व नेटवर्क का पूरा स्वरूप सामने आ जाएगा।
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निजी संस्थान भी उठाएंगे लाभ
प्रमुख सचिव ने बताया कि इस नेटवर्क का लाभ निजी संस्थान व उद्योग समूह भी उठा सकेंगे। तमाम प्रतिभाशील उद्यमी अपनी रचनाधर्मिता का सही उपयोग ढांचागत अभाव में नहीं कर पाते हैं। ये केंद्र उन्हें एक प्लेटफार्म के रूप में उपलब्ध होंगे। इसके अलावा निजी संस्थानों को छात्र-छात्राओं को कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर का इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं मिल पाता है। वे इन केंद्रों से जुड़कर उसका लाभ उठा सकेंगे।
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पेटेंट के साथ मानकीकरण
यह नेटवर्क प्रतिभा प्रोत्साहन के साथ पेटेंट व मानकीकरण को बढ़ावा भी देगा। नेटवर्क के विशिष्ट पेटेंट व मानकीकरण प्रकोष्ठ से देश-दुनिया में पेटेंट व मानकों के मामले में दिग्गज साबित हो चुके लोगों को जोड़ा जाएगा। कोशिश होगी कि उत्तर प्रदेश के खाते में ज्यादा से ज्यादा नए उत्पादों के पेटेंट आएं और मानकों का अनुपालन करते हुए प्रतिष्ठानों की स्थापना हो सके। इससे रोजगार के अधिक अवसर भी सृजित होंगे।

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