Friday 26 February 2016

35 हजार से ज्यादा को मिल गयी दोगुनी छात्रवृत्ति


-फेल हुए चौकसी के दावे, 11 करोड़ की वसूली के निर्देश
-शासन ने बनाई जांच समिति, चिह्नित होंगे दोषी अधिकारी
डॉ.संजीव, लखनऊ
छात्रवृत्ति भुगतान को लेकर तमाम हाईटेक प्रबंधन व सावधानी बरतने के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। तमाम चौकसी के बावजूद 35 हजार से अधिक विद्यार्थियों को दोगुनी छात्रवृत्ति दे दी गयी। अब इन सभी से 11 करोड़ रुपये की वसूली के निर्देश दिये गए हैं। साथ ही मामले की जांच के लिए शासन ने समिति गठित कर दी है, ताकि दोषी अधिकारियों को चिह्नित कर दंडित किया जा सके।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत अन्य पिछड़े वर्ग के 11वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाती है। पिछले कुछ वर्षों से इस छात्रवृत्ति वितरण में तमाम अनियमितताओं व अराजकता की जानकारी मिल रही थी। इस कारण पूरी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गयी थी। इसके बावजूद हाल ही में वित्तीय वर्ष 2014-15 की दशमोत्तर छात्रवृत्ति के वितरण में बड़ी गड़बड़ी का पता चला। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने उपनिदेशक शैलेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच कराई तो पता चला कि 35528 छात्र-छात्राओं के खाते में दोगुनी छात्रवृत्ति का भुगतान कर दिया गया। कुल मिलाकर यह राशि 10,90,90,970 रुपये यानी लगभग 11 करोड़ रुपये है। शासन स्तर तक मामले की जानकारी पहुंची तो पिछड़ा वर्ग विभाग के सचिव डॉ.हरिओम ने निदेशक पुष्पा सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की है। इस पूरे प्रकरण राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) की राज्य इकाई के कर्मचारी भी कठघरे में हैं, इसलिए जांच समिति में वहां के एक अधिकारी को भी शामिल करने की बात कही गयी है। निदेशक पुष्पा सिंह ने सभी जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारियों को अतिरिक्त भुगतान का ब्योरा भेजते हुए छात्र-छात्राओं से 11 करोड़ रुपये की वसूली के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि संबंधित शिक्षण संस्थान के माध्यम से विद्यार्थियों से संपर्क किया जाए और उनसे अतिरिक्त राशि वापस लेकर जमा कराई जाए। इसमें शिथिलता बरतने पर संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी मानते हुए कार्रवाई होगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर मेहरबानी
उस पूरी गड़बड़ी में सर्वाधिक लाभान्वित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थी हुए हैं। मुजफ्फर नगर के 3224 विद्यार्थियों को 94.45 लाख, सहारनपुर के 2941 को 93.64 लाख, बिजनौर के 2596 को 82.27 लाख, अमरोहा के 2075 को 66.35 लाख, बागपत के 1706 को 49.86 लाख, अलीगढ़ के 1299 को 39.91 लाख, मथुरा के 1207 को 38.2 लाख, फिरोजाबाद के 1166 को 25.89 लाख, आगरा के 1158 को 52.62 लाख व मेरठ के 1005 विद्यार्थियों को 31.72 लाख रुपये ज्यादा दिये गए। इनके अलावा वाराणसी के 1264 विद्यार्थियों को 45.66 लाख, गोरखपुर के 1199 को 43.64 लाख, झांसी के 1178 को 28.5 लाख व  पीलीभीत के 1064 विद्यार्थियों को 30.28 लाख रुपये के भुगतान की पुष्टि हुई है।
24 जिलों में सब ठीक-ठाक
पड़ताल में पता चला कि प्रदेश के 24 जिलों में एक भी छात्र-छात्रा को अतिरिक्त भुगतान नहीं हुआ है। ये जिले उन्नाव, संत रविदास नगर, सोनभद्र, संत कबीर नगर, सीतापुर, शाहजहांपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, मऊ, महोबा, महाराजगंज, लखनऊ, कुशीनगर, कौशांबी, कानपुर देहात, जौनपुर, जालौन, गाजीपुर, चित्रकूट, बांदा, बहराइच, आजमगढ़, औरैया व अम्बेडकर नगर हैं। बरेली व चंदौली में एक-एक, बुलंदशहर में चार, रायबरेली में पांच, गोंडा व सुल्तानपुर में छह-छह विद्यार्थियों के खातों में दोगुनी छात्रवृत्ति भेज दी गयी।

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