Wednesday 23 December 2015

ढाई लाख और ओबीसी विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति की राह खुली

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-धनाभाव में नहीं मिल सकी थी इन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति
-वर्ष 2015-16 के लिए आवंटित धन से मिले 118 करोड़ रुपये
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के उन छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी है, जिन्होंने वर्ष 2014-15 में छात्रवृत्ति या शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन किया और अकारण ही उनके आवेदन निरस्त सूची में शामिल हो गए। ऐसे ढाई लाख और ओबीसी विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति की राह खुल गयी है।
वर्ष 2014-15 में अन्य पिछड़े वर्ग के लगभग तीन लाख विद्यार्थियों के शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के आवेदन निरस्त हो गए थे। उन्होंने आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर पंजीकरण कराया था किन्तु ऑनलाइन सर्वर पर फेल्ड ट्रांजेक्शन या रिजेक्ट ट्रांजेक्शन लिखकर आ रहा था। परेशान छात्र-छात्राएं पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय के लगातार चक्कर लगा रहे थे। बताया गया कि धनाभाव के कारण इन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकी थी। इसके बाद से कई बार इन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव किया गया किन्तु उस पर अमल नहीं हुआ।
बीते दिनों पिछड़ा वर्ग निदेशालय ने शासन वित्तीय वर्ष 2015-16 में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए स्वीकृत 442 करोड़ रुपये में से 118 करोड़ रुपये वर्ष 2014-15 की अवशेष छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में देने की अनुमति मांगी थी। इस पर शासन स्तर से मंजूरी मिल गयी है। पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशक पुष्पा सिंह ने बताया कि 118 करोड़ रुपये जारी हो जाने से पिछले वर्ष पूर्वदशम व दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे। वे इस कारण खासे परेशान थे। अगले कुछ दिनों में राशि के अनुरूप मानकों का पालन करते हुए छात्र-छात्राओं के नाम सर्वर पर अपलोड कर दिये जाएंगे। साथ ही उन सभी के खातों में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति स्थानांतरण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

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