Saturday 12 December 2015

पांच नए मेडिकल कालेजों में भर्ती होंगी 433 स्टाफ नर्स


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-मुख्यमंत्री की सीधी नजर-
-नए खोलने के साथ कुछ वर्षों में खुले कालेजों की मजबूती पर भी जोर
-अभियान चलाकर भरे जाएंगे खाली पड़े पैरामेडिकल स्टाफ के पद
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश में नए मेडिकल कालेज खोलने की मशक्कत के बीच बीते कुछ वर्षों में खुले कालेजों की मजबूती पर भी जोर दिया जा रहा है। स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन कालेजों की सीधी नजर रख रहे हैं। अब ऐसे पांच कालेजों में 433 स्टाफ नर्स भर्ती करने का फैसला हुआ है। पैरामेडिकल स्टाफ के अन्य पद भी अभियान चलाकर भरे जाएंगे।
प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में लगातार मेडिकल कालेज खुले हैं किन्तु चिकित्सकों से लेकर कर्मचारियों तक की कमी से जूझ रहे हैं। वर्ष 2011 में अंबेडकर नगर, 2012 में कन्नौज, 2013 में जालौन व आजमगढ़ और इसी वर्ष 2015 में सहारनपुर मेडिकल कालेज में पढ़ाई शुरू हुई थी। इनमें पढ़ाई व इलाज के स्तर को मजबूत करने के लिए यहां नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की मजबूती पर जोर दिया जा रहा है। प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय के अनुसार इन पांचों कालेजों में 433 स्टाफ नर्सों की भर्ती को मंजूरी दी गयी है। अगले तीन माह में इनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके अलावा फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन आदि के खाली पदों का ब्योरा सभी कालेजों के प्राचार्यों से मांगा गया है। इन पदों पर भी इसी वित्तीय वर्ष में यानी मार्च 2016 तक अभियान चलाकर भर्तियां कर ली जाएंगी।
हर जगह सीटी-एमआरआइ
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश के हर मेडिकल कालेज में सीटी स्कैन व एमआरआइ की सुविधा मुहैया कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए हैं। इसके लिए खरीद आदेश दे दिये गए हैं और 31 मार्च से पहले सभी कालेजों में सीटी स्कैन व एमआरआइ की उच्च गुणवत्ता वाली मशीनें लग जाएंगी। इस बीच इनके ऑपरेटर्स व अन्य विशेषज्ञों की भर्ती का काम भी पूरा कर लिया जाएगा।
पोंछामुक्त होंगे सभी संस्थान
प्रदेश के सभी चिकित्सा शिक्षा संस्थानों को पोंछामुक्त बनाने के निर्देश दिये गए हैं। सभी जगह मैकेनाइज्ड मशीन से पोंछा लगेगा। साथ ही सफाईकर्मियों का रोस्टर बनेगा और दिन में कितनी बार सफाई हुई, उसका ब्योरा आम जनमानस के लिए भी बोर्ड में चस्पा होगा। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और कालेज के प्राचार्य का फोन नंबर भी लिखा जाएगा, ताकि यदि समय पर सफाई न हो तो मरीज व तीमारदार शिकायत कर सकें।
बचे 285 करोड़ से उच्चीकरण
प्रमुख सचिव डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय के मुताबिक बीते तीन वर्षों के बचे हुए 285 करोड़ रुपये का पूरा इस्तेमाल कर मेडिकल कालेजों का उच्चीकरण होगा। वर्ष 2013-14 के 141 करोड़ और वर्ष 2014-15 के 94 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं हो सका था और इस वर्ष भी 50 करोड़ रुपये बचा था। इस राशि से सीटी स्कैन, एमआरआइ आदि मशीनों के साथ वेंटिलेटर, मॉनीटर, कोबाल्ट मशीनें, कैथलैब्स आदि के साथ सभी कालेजों में मजबूत सघन चिकित्सा कक्ष स्थापित किये जा रहे हैं। यह काम 31 मार्च 2016 तक पूरे कर लिये जाएंगे। 

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