Friday 11 December 2015

इंजीनियरिंग कालेजों में गेस्ट फैकल्टी को मिलेंगे 30 हजार

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-अभी तक 18 से 22 हजार तक प्रति माह देने का था प्रावधान
-एआइसीटीई के मानकों के अनुरूप ही हो सकेंगी नियुक्तियां
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश के सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में गेस्ट फैकल्टी (अतिथि व्याख्याताओं) को अब तीस हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इस आशय का शासनादेश जारी किया है।
इंजीनियरिंग कालेजों व प्राविधिक विश्वविद्यालयों के लिए अब तक बने नियम के अनुसार बीटेक उत्तीर्ण गेस्ट फैकल्टी को 18 हजार, एमटेक को 20 हजार व पीएचडी को 22 हजार रुपये प्रति माह मिलते थे। यह राशि अपेक्षाकृत कम मानी जा रही थी और इस कारण अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के मानकों के अनुरूप शिक्षक भी नहीं मिल पा रहे थे। 26 अगस्त 2010 को जारी आदेश में उक्त राशि निर्धारित की गयी थी। अब इसे और बढ़ाकर 30 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है। शिक्षकों के व्याख्यानों पर भी ध्यान रखा जाएगा कि उन्हें कितनी कक्षाओं में कितना पढ़ाया। अब प्रति व्याख्यान 450 रुपये के हिसाब से जोडऩे और माह में अधिकतम 30 हजार रुपये भुगतान की बात कही गयी है।
प्रदेश के दोनों प्राविधिक विश्वविद्यालयों व सभी इंजीनियरिंग कालेजों को भेजे शासनादेश में प्रमुख सचिव (प्राविधिक शिक्षा) मोनिका एस गर्ग ने कहा है कि शासन से अनुदान ले रहे सभी प्राविधिक शिक्षा संस्थानों व घटक संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति के लिए पुराने नियमों में बदलाव कर नयी नीति निर्धारित की गयी है। अब गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति में एआइसीटीई के मानकों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। गेस्ट फैकल्टी या सेवानिवृत्त शिक्षकों को संविदा के आधार पर नियुक्त करने के लिए संस्थान के निदेशक या विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम प्रोफेसर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। समिति में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर स्तर के किसी अन्य संस्थान के दो शिक्षक भी रहेंगे। अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिनिधित्व हेतु संस्थान के निदेशक द्वारा नामित तीन सदस्यों के साथ संबंधित विभागाध्यक्ष सदस्य सचिव के रूप में समिति का हिस्सा बनेंगे। 

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