Friday 6 November 2015

अल्ट्रासाउंड करने के लिए पास करनी होगी परीक्षा

-शासन सख्त-
-पुराने टेक्नीशियन के लिए विशेष परीक्षा की तैयारी
-नए के लिए मेडिकल कालेजों में छह माह का कोर्स
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ
अल्ट्रासाउंड केंद्रों की मनमानी रोकने के लिए सरकार अब बेहद सख्त रुख अख्तियार करेगी। महज डॉक्टर के साथ रहते-रहते अल्ट्रासाउंड करना अब संभव नहीं होगा। इसके लिए एक विशेष परीक्षा पास करनी होगी। साथ ही मेडिकल कालेजों में छह माह का एक विशेष पाठ््यक्रम भी शुरू किया जाएगा।
प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ अल्ट्रासाउंड केंद्रों के संचालन में हो रही गड़बडिय़ों व उनके समाधान पर विचार विमर्श किया। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर मनमाने ढंग से अल्ट्रसाउंड पर बंदिश लगाना सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने भी कानून में बदलाव किए हैं और एक जनवरी 2017 के बाद किसी भी अल्टासाउंड मशीन को चलाने के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति को ही अवसर देने की बात कही है। इस पर तय हुआ है कि उपयुक्त प्रशिक्षण व योग्यता के बिना अल्ट्रासाउंड करने वालों पर पूरी तरह रोक लगा दी जाएगी। अब अल्ट्रासाउंड टेक्नीशियन के लिए एक छह माह का विशेष पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। एक जनवरी 2017 के बाद अल्ट्रासाउंड करने के लिए यह पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना जरूरी होगा। यह पाठ्यक्रम उन सभी मेडिकल कालेजों में संचालित होगा, जहां अभी स्त्री एवं प्रसूति रोग और रेडियोलॉजी में परास्नातक (एमडी) पाठ्यक्रमों का संचालन हो रहा है। इसके लिए इन दोनों विभागों के बीच समन्वय कराया जाएगा। इस पाठ्यक्रम के लिए हर कालेज में सीटों की संख्या भी निर्धारित की जाएगी। इसके अलावा जो लोग किसी प्रशिक्षित अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट के साथ एक साल या उससे अधिक समय से काम कर रहे हैं, उन्हें भी एक विशेष परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा का आयोजन भी हर वर्ष किया जाएगा। 

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