Tuesday 3 November 2015

बीएएमएस को मंजूरी नहीं, एमडी पर विवाद


----
-लखनऊ व वाराणसी के अलावा किसी कालेज को मान्यता नहीं
-निजी आयुर्वेदिक कालेजों की परास्नातक प्रवेश परीक्षा आठ को
----
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में आयुर्वेदिक शिक्षा की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। लखनऊ व वाराणसी के अलावा किसी भी कालेज में बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) की पढ़ाई को मान्यता न मिलने से पैदा हुए संकट का हल अभी खोजा नहीं जा सका था कि परास्नातक (एमडी) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
देश भर में आयुर्वेदिक कालेजों के संचालन के लिए सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआइएम) से अनुमति लेनी होती है। सीसीआइएम ने हर हाल में 31 अक्टूबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिये हैं। इस बार यह प्रक्रिया अक्टूबर समाप्त होने के बात भी पूरी नहीं हो सकी है। बीएएमएस के लिए तो सीसीआइएम ने वाराणसी व लखनऊ आयुर्वेदिक कालेजों के अलावा किसी को मंजूरी ही नहीं दी है। मुजफ्फरनगर के आयुर्वेदिक कालेज को तो अमान्य ही घोषित कर दिया गया है और अन्य को मंजूरी न देकर वहां पूरी प्रक्रिया रोक दी है। मान्यता के अभाव में इन कालेजों में इस वर्ष प्रवेश नहीं हो सके हैं। सीपीएमटी की काउंसिलिंग भी पूरी हो चुकी है।
बीएएमएस की मंजूरी न मिलने से परेशान आयुर्वेद विभाग को सरकारी व निजी कालेजों में परास्नातक सीटों, एमडी पर प्रवेश को लेकर भी विवाद हो गया है। सरकारी कालेजों में एमडी (आयुर्वेद) में प्रवेश के लिए 26 अक्टूबर को प्रवेश परीक्षा हुई थी। इसका परिणाम निकालकर कालेज आवंटन तक की प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी कर दी गयी, किन्तु अब इसे लेकर तमाम शिकायतें सामने आ रही हैं। प्रमुख सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक से की गयी शिकायतों में छात्र-छात्राओं ने प्रवेश परीक्षा में गलत सवाल व जवाब होने की शिकायत की है। इन लोगों ने परीक्षा रद करने की मांग भी की है। निजी कालेजों में प्रवेश के लिए 29 को प्रस्तावित परीक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हुए तो वह परीक्षा ही रद कर दी गयी। आरोप लगे कि निदेशक ने जानबूझकर आयुर्वेद फार्मेसी में परीक्षा केंद्र बनवाया। उनकी बेटी के परीक्षार्थी होने की शिकायत तक शासन से की गयी। इसके बाद रद हुई परीक्षा अब आठ नवंबर को है। आयुर्वेद निदेशक डॉ.सुरेश चंद्र का कहना है कि उनकी बेटी विवाहित है और उनकी आश्रित नहीं है। फिर भी उन्होंने शासन को बताकर स्वयं को परीक्षा से दूर कर लिया था। संयुक्त निदेशक परीक्षा करा रहे हैं। अब विवाद होने पर उनकी बेटी परीक्षा में नहीं बैठ रही है। उन्होंने सरकारी कालेजों की प्रवेश परीक्षा में कोई गड़बड़ी होने से इनकार किया और कहा, सभी अभ्यर्थियों के आवेदनों का निस्तारण कर दिया गया है।
----

No comments:

Post a Comment