Wednesday 21 October 2015

पढ़ाने वाले हैं नहीं, खोल दिये इंजीनियरिंग कालेज


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-अंशकालिक व संविदा शिक्षकों से चलाया जा रहा काम
-पुराने संस्थानों के परिसर में चार नए कालेजों का संचालन
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डॉ.संजीव, लखनऊ : मेडिकल कालेजों की तरह ही राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों का हाल भी बुरा है। यहां पढ़ाने वालों का इंतजाम किये बिना ही पढ़ाई शुरू करा दी गयी। चार कालेजों का काम अंशकालिक व संविदा शिक्षकों से चलाया जा रहा है। हालत ये है कि चार नए कालेज तो अभी भी पुराने संस्थानों के परिसर में संचालित हो रहे हैं।
सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ वर्षों में ताबड़तोड़ सात नए इंजीनियरिंग कालेज खोले गए हैं। इनमें से बांदा, बिजनौर व अम्बेडकर में खोले गए इंजीनियरिंग कालेज तो अपने परिसरों में शिफ्ट हो गए किन्तु आजमगढ़ का कालेज गोरखपुर, मैनपुरी व कन्नौज का कानपुर और सोनभद्र कालेज आज भी सुलतानपुर में संचालित हो रहा है। बांदा में इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग, इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी व मैकेनिकल इंजीनियरिंग की 60-60, बिजनौर व अम्बेडकर नगर में केमिकल इंजीनियरिंग, इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी व इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग की 60-60 और आजमगढ़ में केमिकल इंजीनियरिंग, इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी व मैकेनिकल इंजीनियरिंग की 60-60 सीटें हैं। मैनपुरी में सिविल इंजीनियरिंग, कन्नौज में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग व सोनभद्र में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की 60-60 सीटें हैं।
सरकारी कालेज होने के कारण काउंसिलिंग में भी ये सीटें सबसे पहले भरती हैं। औसतन 80 फीसद सीटें भर चुकी हैं किन्तु सभी में अध्यापकों की कमी हैं। आजमगढ़, बांदा, बिजनौर व अम्बेडकर नगर इंजीनियरिंग कालेजों के लिए 48-48 शिक्षकों के पद भी सृजित किये जा चुके हैं किन्तु अब तक भर्तियां नहीं हुई हैं जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। फिलहाल अंशकालिक शिक्षकों या दूसरे कालेजों से बुलाकर गेस्ट लेक्चर के सहारे पढ़ाई हो रही है। दिसंबर में सेमेस्टर परीक्षाएं होनी हैं। मैनपुरी, कन्नौज व सोनभद्र कालेजों में अभी एक-एक शाखा ही खोली गयी है किन्तु उनके लिए शिक्षकों के पद तक सृजित नहीं हुए हैं। मैनपुर व कन्नौज के कालेज एचबीटीआइ कानपुर व सोनभद्र कालेज केएनआइटी सुलतानपुर के सहारे संचालित हो रहा है। वहां के शिक्षकों को अतिरिक्त कक्षाएं लेनी पड़ रही हैं।
रजिस्ट्रार व कर्मचारी भी नहीं
शिक्षक ही नहीं, इन कालेजों का प्रशासनिक पक्ष भी खासा कमजोर है। 14 सरकारी कालेजों में से सिर्फ दो कालेजों एचबीटीआइ कानपुर व केएनआइटी सुलतानपुर में ही रजिस्ट्रार हैं। हर कालेज के लिए 63 प्रशासनिक पद सृजित किये गए हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया नहीं शुरू हुई है।
अगले माह तक कर लेंगे भर्तियां
शिक्षकों व कर्मचारियों की कमी का मसला हमारे संज्ञान में है। आजमगढ़, बांदा, बिजनौर व अम्बेडकर नगर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से नियुक्ति प्रक्रिया की मंजूरी मिल चुकी है। चयन समिति भी बन गयी है। आरक्षण के कुछ मसले सामने आने पर पत्रावली कार्मिक विभाग को भेजी गयी है। पांच-छह दिनों में वहां से पत्रावली वापस आने के बाद अगले महीने तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
-शिवाकांत ओझा, प्राविधिक शिक्षा मंत्री

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