Tuesday 20 October 2015

अस्पतालों में दवाएं न मिलीं तो निपटेंगे अफसर


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-स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभागों की बैठकों में कसे पेंच
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : जिला अस्पताल हों या मेडिकल कालेज से जुड़े अस्पताल, मरीजों के इलाज में हीला-हवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सोमवार को स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभागों की बैठकों में अफसरों के पेंच कसने के साथ सभी जांचें समयबद्ध ढंग से कराने के निर्देश दिए गए। कहा गया कि जो उपकरण सरकार खरीद कर देती है, उनका इस्तेमाल भी सुनिश्चित किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग की बैठकें स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन व प्रमुख सचिव अरविंद कुमार की अगुआई में हुईं। इन बैठकों में साफ कहा गया कि अस्पतालों में दवाओं की कमी न पडऩे दी जाए। इसके अलावा डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड सहित जो उपकरण अस्पतालों में लगाए गए हैं, उनका पूरा प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। कोई भी मरीज अस्पताल से बिना इलाज न लौटे और न ही अनावश्यक रूप से मरीजों को रेफर किया जाए। स्वास्थ्य विभाग की हाई पावर कमेटी में दस अति उपयोगी दवाओं की खरीद को भी मंजूरी दी गई।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों के प्राचार्य भी बुलाए गए थे। प्रमुख सचिव ने भी किसी भी अस्पताल में दवाएं कम न पडऩे देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट में जारी हुए 25 करोड़ रुपये से अस्पतालों के उन्नयन का काम समयबद्ध ढंग से करा लिया जाए। इसके अलावा मेडिकल कालेजों में भी जो उपकरण खरीद कर दिए गए हैं, उनका शत प्रतिशत प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। अस्पतालों में बिजली संकट से निपटने के लिए न सिर्फ समय पर बिजली के बिल जमा किए जाएं बल्कि स्वतंत्र फीडर से आपूर्ति की पहल की जाए।
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23 से बांदा में भर्ती शुरू
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय ने बताया कि 23 अक्टूबर से बांदा मेडिकल कालेज में मरीजों को भर्ती कर इलाज शुरू हो जाएगा। वहां वाह्यï रोगी विभाग (ओपीडी) पहले से संचालित हो रहा है। मंगलवार को बदायूं मेडिकल कालेज में ओपीडी शुरू हो जाएगी। इन दोनों कालेजों को अगले शैक्षिक सत्र से शुरू करने की तैयारी है। 

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