Saturday 10 October 2015

शुल्क प्रतिपूर्ति में बढ़ेंगे प्रोफेशनल कोर्स

-पिछड़ा वर्ग निदेशक को सौंपा गया निर्धारण का जिम्मा
-पहली बैठक में उच्च शिक्षा विभाग से नहीं पहुंचा कोई
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : दसवीं के बाद धनाभाव में पढ़ाई न रुकने देने की दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में अब और अधिक प्रोफेशनल कोर्स शामिल किये जाएंगे। इसके निर्धारण का जिम्मा पिछड़ा वर्ग निदेशक को सौंपा गया है। शुक्रवार को इस बाबत हुई पहली बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग से आधी-अधूरी तैयारी के साथ प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, वहीं उच्च शिक्षा विभाग से तो कोई पहुंचा ही नहीं।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति के नोडल विभाग के रूप में काम कर रहे समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को इस वर्ष अंतिम तारीख से एक दिन पहले तक मान्य पाठ्यक्रमों को जोडऩा पड़ा था। आगे ऐसी स्थिति से बचने के लिए अभी से पूरी तैयारी करने और प्रोफेशनल कोर्स बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके निर्धारण की जिम्मेदारी संभाल रहीं पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशक पुष्पा सिंह ने शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, औद्योगिक शिक्षा व उच्च शिक्षा विभागों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उच्च शिक्षा विभाग से कोई प्रतिनिधि आया ही नहीं। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भी सिर्फ 23 पैरामेडिकल व पांच स्टेट मेडिकल फैकल्टी पाठ्यक्रमों की सूची सौंपी। इस पर उपनिदेशक शैलेश श्रीवास्तव को इन दोनों विभागों से समन्वय कर प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की सूची तैयार करने को कहा गया। औद्योगिक शिक्षा विभाग ने 25 दोवर्षीय, 19 एकवर्षीय व अल्पकालिक पाठ्यक्रमों की सूची सौंपी। तकनीकी शिक्षा विभाग ने 12 एकवर्षीय, छह दोवर्षीय, 38 तीनवर्षीय व एक चारवर्षीय पाठ्यक्रम की सूची सौंपी। अब 15 अक्टूबर तक इन सभी पाठ्यक्रमों का संयोजन कर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए प्रोफेशनल कोर्स की सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
साफ्टवेयर में खराबी से अल्पसंख्यक परेशान
दशमोत्तर छात्रवृत्ति भुगतान के लिए बने पीएफएमएस साफ्टवेयर में तकनीकी खराबी से भारी संख्या में अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी। उनकी परेशानी दूर करने के लिए शासन ने तीस करोड़ रुपये अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक को उपलब्ध कराए हैं। वर्ष 2015-16 के लिए 133.89 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए हैं। छात्रवृत्ति की राशि विद्यार्थियों के बैंक खातों में सीधे भेजी जाएगी। कई विद्यालयों व मदरसों में गड़बड़ी की शिकायतें भी आयी हैं, इसलिए सत्यापन कराने के निर्देश दिये गए हैं।

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