Wednesday 2 September 2015

ट्रिपल-ए प्लेटफार्म से चलेगी पोषण की रेल

-सांसद डिम्पल यादव दो सितंबर को करेंगी शुरुआत
-22 करोड़ से आंगनवाड़ी, आशा व एएनएम का प्रशिक्षण
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में पोषण की रेलगाड़ी अब 'ट्रिपल-एÓ प्लेटफार्म से चलेगी। 22 करोड़ रुपये खर्च कर राज्य की सवा तीन लाख आशा, आंगनवाड़ी व एएनएम कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर पोषण की राह सुगम की जाएगी। इस पूरे अभियान की औपचारिक शुरुआत सांसद डिम्पल यादव दो सितंबर को राजधानी से करेंगी।
ग्रामीण स्तर पर हर एक हजार की जनसंख्या पर माह में एक दिन ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस का आयोजन किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। इसमें जच्चा-बच्चा की सेहत से लेकर टीकाकरण तक तो शामिल था ही, अब इसमें प्रसवपूर्ण व प्रसवपश्चात की सेवाएं जोडऩे का फैसला हुआ है। नवजात शिशु में जन्म के समय से होने वाली दिक्कतों की पहचान के साथ दस्त व निमोनिया से बचाव और परिवार कल्याण सेवाओं को भी इसमें शामिल किया गया है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए अब ग्र्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य विभाग की ब्रांड एम्बेसडर बनी आशा, आंगनवाड़ी व एएनएम कार्यकर्ताओं को एक साथ इससे जोडऩे की तैयारी की गयी है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने बताया कि आशा, आंगनवाड़ी व एएनएम कार्यकर्ता अलग-अलग तो सक्रिय रहकर ग्र्रामीण सेहत सुधारने का काम करती ही थीं, अब इन्हें एक प्लेटफार्म पर लाने की पहल हुई है। तय हुआ है कि हर माह होने वाले पोषण दिवस पर ये तीनों एक साथ सक्रिय रहकर जच्चा-बच्चा व शिशु स्वास्थ्य रक्षा सुनिश्चित करेंगी। इसके लिए इन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य स्तरीय ट्रेनर्स तैयार करने के बाद जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, उसके बाद यह सिलसिला ब्लाक स्तर तक जाएगा। इस पूरे कार्यक्रम के लिए 22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस कार्यक्रम से राज्य की 1 लाख 40 हजार आशा, 1 लाख 60 हजार आंगनवाड़ी व 25 हजार एएनएम को जोड़ा जाएगा। इस वर्ष प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में डेढ़ लाख ग्र्राम स्वास्थ्य पोषण दिवसों के द्वारा पचास लाख लाभार्थियों से जुडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस पूरे कार्यक्रम से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी व सांसद डिम्पल यादव सीधे जुड़ी हुई हैं। वे ही दो सितंबर को राजधानी में इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करेंगी। कार्यक्रम राजधानी के बख्शी का तालाब क्षेत्र में होगा। इसके बाद हर स्तर पर व्यापक प्रशिक्षण अभियान चलेगा।

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