Wednesday 2 September 2015

एम्स जैसा चिकित्सा विश्वविद्यालय होगा लोहिया संस्थान

-डॉ.राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान विधेयक विधानसभा में पेश
-मेडिकल, पैरामेडिकल की पढ़ाई के साथ शोध केंद्र के रूप में विकास
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को उच्चीकृत कर एम्स जैसे चिकित्सा विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा। इस बाबत विधेयक बुधवार को विधानसभा में पेश कर दिया गया।
विधानसभा में बुधवार को पेश डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान विधेयक, 2015 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से कहा गया कि संस्थान को विश्वविद्यालय का दर्जा देकर उसे मेडिकल, पैरामेडिकल व स्वास्थ्य विज्ञान से जुड़े अन्य उच्चस्तरीय शिक्षा के साथ शोध केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। संस्थान में एमबीबीएस के साथ परास्नातक चिकित्सा शिक्षा व शोध स्तर की कक्षाएं संचालित होंगी। संस्थान में नियुक्तियों व प्रवेश पर अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू होगा। प्रदेश शासन के मुख्य सचिव संस्थान के पदेन अध्यक्ष होंगे, वहीं चिकित्सा शिक्षा, वित्त, नियोजन व न्याय विभाग के प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक संस्थान की संचालन समिति के सदस्य होंगे। संस्थान के निदेशक सदस्य सचिव होंगे और डीन के अलावा राज्य सरकार द्वारा नामित चिकित्सा क्षेत्र के दो प्रमुख लोग, भारतीय विश्वविद्यालयों के चिकित्सा संकायों व संस्थानों के तीन प्रतिनिधि, केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद व भारतीय नर्सिंग परिषद के प्रतिनिधि, राज्य सरकार द्वारा नाम निर्दिष्ट दो प्रख्यात शिक्षाविद व संस्थान के दो वरिष्ठतम विभागाध्यक्ष भी सदस्य होंगे। स्वायत्तशासी विश्वविद्यालय के रूप में संस्थान उपाधि, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र व अन्य शैक्षिक उपाधियां प्रदान करेगा। इसके अलावा अपने चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा व उपचार की व्यवस्था भी की जाएगी। संस्थान के विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन-भत्ते राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किये जाएंगे। 62 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को संस्थान का निदेशक नियुक्त किया जाएगा, जो पांच वर्ष या पैंसठ की आयु पूर्ण होने तक निदेशक रहेगा।
निदेशक के 27 आवेदन
लखनऊ: लोहिया संस्थान के स्वायत्त चिकित्सा विश्वविद्यालय बनने की पहल के साथ ही निदेशक बनने की मशक्कत भी तेज हो गयी है। प्रदेश के एक पूर्व चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक, दो कालेजों के प्राचार्यों सहित 27 लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है। माना जा रहा है सितंबर के पहले सप्ताह तक शासन स्तर पर निदेशक का फैसला हो जाएगा। संस्थान की स्थापना के लिए पेश विधेयक में भी इस बाबत प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) की अध्यक्षता में चयन समिति का प्रावधान किया गया है, जिसमें मुख्य सचिव के एक प्रतिनिधि, चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक व चिकित्सा क्षेत्र के दो विशेषज्ञों को सदस्य बनाया गया है।

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