Wednesday 2 September 2015

एलोपैथी दवाएं लिख सकेंगे आयुर्वेदिक-यूनानी डॉक्टर

--कैबिनेट का फैसला--
-सर्जरी व सुपरस्पेशलिटी से जुड़े इलाज की अनुमति नहीं
-सीमाएं तय करने को बनेगी स्वास्थ्य विभाग की समिति
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
आयुर्वेदिक व यूनानी डॉक्टर अब एलोपैथी दवाएं भी लिख सकेंगे। बस उन्हें सर्जरी व सुपरस्पेशलिटी से जुड़े इलाज की अनुमति नहीं होगी। इस बाबत सीमाएं तय करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की समिति गठित की जाएगी।
शासन स्तर पर आयुर्वेदिक व यूनानी डॉक्टरों को एलोपैथी दवाएं लिखने का फैसला पहले ही हो चुका था। मंगलवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी देने के साथ ही इस बाबत दिशा निर्देश जारी करने को कहा गया। इन विधाओं के चिकित्सकों का कहना था कि बीएएमएस व बीयूएमएस डिग्र्री हासिल करने वाले डॉक्टर एनॉटमी, फिजियोलॉजी, मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, गायनोकॉलाजी सहित लगभग सभी विशिष्टताओं की पढ़ाई होती है, इसलिए उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने बताया कि आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सकों को सर्जरी, इंटरवीनस इंजेक्शन लगाने व सुपरस्पेशलिटी इलाज जैसी अनुमति नहीं दी जाएंगी। इस बाबत सीमाओं का निर्धारण करने के लिए स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा महकमे के शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी। उसके बाद बीएएमएस व बीयूएमएस डिग्र्रीधारी डॉक्टर एलोपैथी की दवाएं भी लिख सकेंगे।
जिला अस्पतालों में खुलेंगे आयुष विंग
इस फैसले के बाद अब जल्द ही जिला अस्पतालों में आयुष विंग खोलने के प्रस्ताव को अमल में लाया जाएगा। इस विंग में आयुर्वेदिक, होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी। वे लोग वहां अपनी पद्धतियों से तो मरीज देखेंगे ही, आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सक आवश्यकतानुसार एलोपैथी दवाएं भी लिख सकेंगे। इसके अलावा एलोपैथी चिकित्सक यदि चाहेंगे तो तुरंत आयुर्वेद, होम्यैपैथ या यूनानी पद्धति का मशविरा ले सकेंगे।
पूरी होगी डॉक्टरों की कमी
प्रदेश सरकार के इस फैसले से डॉक्टरों की कमी पूरी होने में मदद मिलेगी। अब प्राथमिक चिकित्सा में आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सकों की भी मदद ली जा सकेगी। वे गंभीर स्थितियों में मरीजों को जिला अस्पताल या विशेषज्ञता वाले अस्पतालों में रेफर भी कर सकेंगे। -अहमद हसन, स्वास्थ्य मंत्री

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