Wednesday 2 September 2015

जच्चा-बच्चा की बेहतर देखरेख को हर जिले में स्किल लैब


-कानपुर, आजमगढ़ व लखनऊ से हुई शुरुआत
-सौ ब्लाकों में 'मिनी स्किल लैब की स्थापना
डॉ.संजीव, लखनऊ
जच्चा-बच्चा की बेहतर देखरेख के लिए राज्य के हर जिले में 'स्किल लैब की स्थापना की जाएगी। इसकी शुरुआत कानपुर, आजमगढ़ व लखनऊ से की जा चुकी है। साथ ही प्रदेश के सौ ब्लाकों में 'मिनी स्किल लैब की स्थापना की जा रही है।
जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए प्रसव पूर्व से शुरू कर प्रसव के बाद नवजात शिशु संरक्षण तक विशेष प्रशिक्षण की पहल शासन स्तर पर हो रही है। अस्पतालों में प्रसव सुनिश्चित करने के लिए आशा व एएनएम के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग प्रयास कर रहा है। इसमें प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की जान बचाना व सुरक्षित प्रसव के बाद नवजात शिशु का सही विकास सुनिश्चित करने के लिए एएनएम व नर्सों को विशेष प्रशिक्षण देने का फैसला हुआ है। इसके लिए भारत सरकार की ओर से 'स्किल लैब की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश प्रदेश सरकार को भेजे गए हैं। इसी के तहत कानपुर के कालेज ऑफ नर्सिंग, आजमगढ़ के एएनएम स्कूल और लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल स्थित नर्सिंग स्कूल में 'स्किल लैब की शुरुआत हुई है। अब प्रदेश के हर जिले में 'स्किल लैब की स्थापना की जा रही है।
'स्किल लैब में नर्सिंग स्टाफ के साथ एएनएम को जच्चा-बच्चा की सुरक्षा का पाठ बढ़ाया जाएगा। ग्र्रामीण अंचल में अब भी अधिकांश प्रसव नर्स व एएनएम ही कराती हैं। उन्हें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की तकनीकी सहयोग इकाई ने सौ ब्लाकों में 'मिनी स्किल लैब भी शुरू करने की पहल की है। इन 'मिनी स्किल लैब में एएनएम व नर्सिंग स्टाफ को तमाम वैकल्पिक तरीकों से सुरक्षित प्रसव के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गंभीर अवस्था में पहुंचने वाली प्रसूता का सामान्य परीक्षण कर ही उसके सीजेरियन या सामान्य प्रसव की जानकारी की जा सकती है, किन्तु ऐसा नहीं हो रहा है। इस प्रशिक्षण में इसी तरह की तमाम जानकारियों के साथ उन्हें समुन्नत किया जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक अमित घोष ने बताया कि 'स्किल लैबÓ की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है।
इन बिन्दुओं पर होगा प्रशिक्षण
प्रसव पूर्व: संभावित प्रसव तिथि का आंकलन, रक्तचाप व वजन लेना, गर्भस्थ शिशु के दिल की आवाज सुनना, हीमोग्लोबिन, यूरिन, मलेरिया, ब्लड-सुगर व अन्य जांचें
प्रसव काल: लेबर रूम की तैयारियां, शिशु की सुरक्षा के लिए जरूरी पार्टोग्र्राफ परीक्षण, सामान्य प्रसव
जटिलता प्रबंधन : ग्लूकोज व खून चढ़ाने, कैथेटर लगाने व शॉक लगने से बचाव के तरीके
नवजात शिशु: सामान्य शिशु के लिए जरूरी उपचार, तापमान लेना, स्तनपान प्रोत्साहन, सक्शन मशीन का प्रयोग, ऑक्सीजन प्रबंधन, नेब्युलाइजर का प्रयोग
संक्रमण नियंत्रण: हाथ धोना, क्लोरीन सोल्यूशन तैयार करना, उच्चस्तरीय विसंक्रमण, जैविक कचरे का निस्तारण
48 लाख से एक लैब की स्थापना
एक स्किल लैब की स्थापना पर प्राथमिक खर्च 48 लाख रुपये आता है। इसमें सामान्य निर्माण कार्यों पर 20 लाख रुपये, उपकरणों पर 25 लाख रुपये, शिक्षण सामग्र्री पर तीन लाख रुपये खर्च होते हैं। इसके अलावा एक लैब पर वार्षिक खर्च 41 लाख 14 हजार 800 रुपये आएगा। 16 प्रतिभागियों के एक बैच के प्रशिक्षण पर एक लाख 32 हजार 440 रुपये खर्च आता है। इसके विपरीत एक मिनी स्किल लैब की स्थापना पर 40 से 50 हजार रुपये के बीच खर्च आता है।
तीन माह में बारह और
प्रदेश में तीन 'स्किल लैब बन चुके हैं। तीन माह मं बारह और बन जाएंगे। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है। इसके अलावा 25 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों के 295 ब्लाकों में से 215 में 'मिनी स्किल लैबÓ बनने हैं। वहां के लिए भी टेंडर प्रक्रिया चल रही है। -अमित घोष, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

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