Wednesday 2 September 2015

हर आशा 'ब्रांड एम्बेसडर, होगा 'मेक-ओवर

-राजधानी से जुड़ेंगे 11 क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र
-'वर्चुअल क्लास के माध्यम से सिखाएंगे तौर-तरीके
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
सूबे में सेहत की मजबूती के लिए तमाम ढांचागत प्रयासों के बीच आशा कार्यकर्ताओं को ब्रांड एम्बेसडर के रूप में समाज के सामने कार्य करने को प्रेरित किया जाएगा। इस बाबत उनका 'मेक-ओवरÓ करने के लिए उन्हें नियमित ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
राज्य में आशा कार्यकर्ताओं के डेढ़ लाख पद सृजित हैं। इनमें से एक लाख तीस हजार पदों पर आशा कार्यकर्ता काम कर रही हैं। शेष बीस हजार पदों पर आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती के आदेश मुख्य सचिव आलोक रंजन ने दिये हैं। इसके बाद स्वास्थ्य महकमा सभी आशा कार्यकर्ताओं की सक्रियता को लेकर उत्साहित है। आशा कार्यकर्ताएं ही स्वास्थ्य विभाग को आम जनमानस से सीधे जोड़ती हैं। इसलिए उन्हें शासन की योजनाओं से लेकर सेहत सुधार के तमाम कार्यक्रमों की ब्रांड एम्बेसडर के रूप में समाज के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी है।
अधिकारियों के मुताबिक आशा कार्यकर्ता जननी सुरक्षा से लेकर डायरिया उन्मूलन व स्नतपान प्रोत्साहन तक हर कार्यक्रम में सक्रिय रहती हैं। ऐसे में उनकी अधिकाधिक उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए उनका मनोबल भी बढ़ाया जाएगा। उन्हें ब्रांड एम्बेसडर के रूप में विकसित करने के लिए जरूरत के अनुरूप प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में विलंब न हो, इसलिए राजधानी लखनऊ स्थित स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर को राज्य के 11 मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्रों से जोड़ा जाएगा। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार के अनुसार इन केन्द्रों पर आशा कार्यकर्ताओं को बुलाकर उन्हें वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए राजधानी तक विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना भी आसान होगा और एक साथ सभी 11 केंद्रों से लोग जुड़ सकेंगे। इस दौरान उन्हें संवाद के तौर-तरीकों से लेकर नवाचार से भी जोड़ा जाएगा। आशा कार्यकर्ताओं के बाद एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी इस प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा।
एनआइसी से इतर अपना नेटवर्क
वीडियो कांफ्रेंसिंग से लेकर इंटरनेट से जुड़े तमाम मसलों में स्वास्थ्य विभाग अभी नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) के सहारे रहता है। अब विभाग ने एनआइसी से इतर अपना नेटवर्क मजबूत करने की तैयारी बनाई है। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के लिए ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के विस्तार के साथ ही पहले से बैंडविड्थ आवंटित की जा चुकी है। ऐसे में हमें इंटरनेट कनेक्टिविटी नि:शुल्क मिलेगी। अन्य खर्चों के लिए शासन से साढ़ तीन करोड़ रुपये मंजूर हो चुके हैं। अब स्वास्थ्य विभाग 11 केंद्रों को राजधानी के प्रशिक्षण संस्थआन से जोड़कर नियमित संवाद सुनिश्चित करेगा। बाद में इसका विस्तार जिला स्तर तक भी किया जा सकेगा।

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