Wednesday 2 September 2015

सावधान! घटिया मिठाई से बीमार हुए तो दवा मिलेगी नकली


-38 प्रतिशत खाद्य सामग्र्री खाने योग्य नहीं पायी गयी
-9.6 प्रतिशत नकली दवाओं की बिक्री होती हुई मिली
डॉ.संजीव, लखनऊ
त्योहारों का मौसम आ रहा है, लेकिन मिठाई खरीदते समय सावधान रहियेगा। बाजार में घटिया मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थों की भरमार है। आप यदि घटिया मिठाई खाकर बीमार हुए तो इलाज की भी गारंटी नहीं है, क्योंकि धड़ल्ले से नकली दवाएं राज्य में बेची जा रही हैं।
इस माह रक्षा बंधन से त्योहारों का मौसम शुरू हो रहा है। राज्य में बिक रहे खाद्य पदार्थों की स्थिति भरोसा करने लायक नहीं है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं। बीते तीन माह की ही पड़ताल की जाए तो विभाग ने 18695 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करने के साथ 2940 प्रतिष्ठानों पर छापे मारे। इस दौरान 4157 नमूने भरे गए, जिनमें से 2932 नमूनों का विश्लेषण भी किया गया। 2932 नमूनों में से 1108 नमूनों में गड़बडिय़ां मिलीं। जांच के दौरान 1108 में से 797 खाद्य पदार्थ के नमूने घटिया, 43 नकली, 176 नियमों का उल्लंघन कर मापदंडों के प्रतिकूल मिले, वहीं 92 तो पूरी तरह असुरक्षित पाए गए। इस तरह 38 प्रतिशत खाद्य सामग्र्री खाने योग्य नहीं पायी गयी। इस दौरान 1432 मुकदमे कायम करो गए, वहीं 647 मामलों में सवा तीन करोड़ रुपये जुर्माना भी वसूला गया। 69 मामलों में 54 लोगों को जेल भेजने के साथ सवा तीन लाख रुपये जुर्माने की सजा भी हुई।
घटिया व नकली खाद्य सामग्र्री के प्रयोग से बीमार पडऩा तो तय ही है किन्तु इसके बाद इलाज में ठीक होने की भी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती। कारण, यहां भी स्पष्ट है। बीते चार माह में औषधि विभाग द्वारा की गयी पड़ताल बताती है कि पूरे राज्य में धड़ल्ले से नकली दवाएं बिक रही हैं। इस दौरान औषधि विभाग ने 2643 दवा दुकानों का निरीक्षण करने के साथ 327 स्थानों पर छापे मारे। परीक्षण के लिए 2279 दवाओं के नमूने लिये गए, जिनमें से 218 नमूने गड़बड़ निकले। इन 219 गड़बड़ नमूनों में 48 दवाओं में फार्मूले के अनुरूप पूरी दवाई नहीं थी, अत: इन्हें अधोमानक माना गया। शेष 170 दवाएं तो पूरी तरह नकली ही मिलीं। इस तरह दवाओं के कुल नमूनों में से 9.6 प्रतिशत नकली दवाओं की बिक्री बाजार में होती हुई मिली। इस कारण 300 दुकानों के लाइसेंस निलंबित करने के साथ 307 दवा दुकानों के लाइसेंस निरस्त भी किये गए। प्रदेश में दवा निर्माण में भी अराजकता पकड़े जाने पर चार महीने में 11 दवा निर्माताओं के लाइसेंस निलंबित व चार के निरस्त किये गए। 45 दवा उत्पादों के घटिया व मानकों के अनुरूप न पाए जाने पर उनके उत्पादन पर रोक लगा दी गयी। इस दौरान 25 मुकदमे कायम कर 24 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।
मुकदमों व जेल का असर नहीं
घटिया खाद्य सामग्र्री व नकली दवा बनाने व बेचने वालों पर मुकदमों व जेल का असर भी नहीं होता है। पिछले वित्तीय वर्ष में 3524 लोगों के खिलाफ घटिया खाद्य सामग्र्री बेचने पर मुकदमा कायम हुआ। 1862 लोगों पर छह करोड़ से अधिक जुर्माना हुआ, वहीं 207 मामलों 174 को जेल भेजा गया। बीते वर्ष नकली औषधि बनाने व बेचने वालों के खिलाफ 64 मुकदमे कायम कराए गए और 68 को जेल भेजा गया। इसके बावजूद नक्कालों पर कोई असर नहीं हो रहा है।

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