Wednesday 2 September 2015

2195 मेगावाट की बिजली परियोजनाओं को मंजूरी

-हरदुआगंज में 3436.61 करोड़ से दूसरी इकाई को हरी झंडी
-एटा में स्थापित होगी 8078.56 करोड़ की जवाहरपुर परियोजना
-ग्र्रिड से जुड़ेंगी 215 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य में 2195 मेगावाट की बिजली परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। मंगलवार को हुई बैठक में हरदुआगंज में 3436.61 करोड़ रुपये खर्च कर स्थापित होने वाली दूसरी इकाई को हरी झंडी दिखाई गयी, वहीं एटा में 1320 मेगावाट बिजली बनाने के लिए नया पावर हाउस बनाने का फैसला हुआ। साथ ही ग्र्रिड से जोडऩे के लिए 215 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं को भी अनुमति देने का फैसला हुआ।
2019 से मिलेगी 660 मेगावाट
हरदुआगंज तापीय विस्तार परियोजना के दूसरे चरण में 660 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए तोशिबा जेएसडब्ल्यू पावर सिस्टम्स को कार्यादेश निर्गत करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल ने मंजूर कर दिया। परियोजना के वित्त पोषण के लिए पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से 80 प्रतिशत ऋणांश लेने के लिए बिना किसी शुल्क के सेक्योरिटी जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी। 3436.61 करोड़ रुपये खर्च कर बनने वाली इस नयी सुपर क्रिटिकल इकाई को पूरा करने के लिए चार साल का समय निर्धारित किया गया है। परियोजना पूरी होने के बाद वर्ष 2019 से प्रदेश को 660 मेगावाट बिजली और मिलने लगेगी।
2021 से 1320 मेगावाट उत्पादन 
मंत्रिमंडल ने जनपद एटा के गांव मलावन में जवाहरपुर तापीय परियोजना की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इस बिजलीघर में 660-660 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित की जाएंगी। उत्तर प्रदेश राच्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अधीन स्पेशल पर्पज वेहिकल, 'जवाहरपुर विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेडÓ द्वारा राजकीय क्षेत्र में स्थापित की जाएगी। परियोजना की संशोधित अनुमानित लागत 8078.56 करोड़ रुपए है। इसका निर्माण कार्य मई, 2016 तक प्रारम्भ होगा, जबकि उत्पादन वर्ष 2020-21 तक शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस परियोजना से 1320 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी, जिसका शत प्रतिशत लाभ प्रदेश को मिलेगा।
सौर ऊर्जा की 15 परियोजनाएं
मंत्रिपरिषद ने यूपीनेडा द्वारा सौर ऊर्जा नीति 2013 के अंतर्गत 215 मेगावाट क्षमता की 15 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनसे होने वाले सौर ऊर्जा उत्पादन को ग्र्रिड से जोड़ा जाएगा। यूपीनेडा को 355 मेगावाट क्षमता के वित्तीय प्रस्ताव मिले थे, जिनमें 215 मेगावाट क्षमता की 15 परियोजनाओं को स्वीकार करने योग्य पाया गया। एस्सल इन्फ्रा प्रोजेक्ट मुंबई, अडानी ग्र्रीन एनर्जी लिमिटेड गुजरात को 50-50 मेगावाट, सुखबीर एग्रो एनर्जी लिमिटेड नई दिल्ली को 20-20 मेगावाट की दो इकाइयों, मेसर्स सुराना टेलीकॉम सिकन्दराबाद, सुधाकारा इन्फोटेक हैदराबाद, लोहिया डेवलपर्स नई दिल्ली, फैरोमर शिपिंग गोवा, सहस्रधारा एनर्जी चेन्नई, अवध रबर मद्रास, इलास्टोमर्स लखनऊ, पाइनेकल एयर नई दिल्ली, एनपी एग्र्रो बरेली को पांच-पांच मेगावाट, टेक्निकल एसोसिएट्स लखनऊ एवं सुखबीर एग्र्रो एनर्जी नई दिल्ली को दस-दस मेगावाट एवं श्री राधे-राधे इस्पात कानपुर को 15 मेगावाट की इकाइयां स्थापित करने की मंजूरी दी गयी। सौर ऊर्जा नीति 2013 के तहत ग्रिड संयोजित सोलर पावर परियोजनाओं की स्थापना के लिए जमीन का इंतजाम विकासकर्ता स्वयं करेंगे।

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