Thursday 17 September 2015

कुपोषण के खिलाफ जंग में 11,77,933 चुनौतियां


--
-75 जिलों में अभियान चलाकर ढूंढ़े गए अतिकुपोषित बच्चे
-फिर भी नहीं ढूंढ़े जा सके 11 लाख से अधिक प्रभावित बच्चे
---
डॉ.संजीव, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ जंग छेडऩे की तमाम कोशिशों के बीच चुनौतियां चिह्नित की गयी हैं। सभी 75 जिलों में अभियान चलाकर 11,77,933 अतिकुपोषित बच्चे ढूंढे गए हैं। शासन स्तर पर हर बच्चे को चुनौती मानकर उसे अतिकुपोषण के घेरे से बाहर निकालने का लक्ष्य रखा गया है। इन चुनौतियों को चिह्नित करने के लिए दो दिन चले अभियान के बाद भी अतिकुपोषण के शिकार अभी आधे बच्चे नहीं ढूंढे जा सके हैं।
प्रदेश में पांच वर्ष आयु वर्ग के कुल बच्चों की संख्या दो करोड़ 26 लाख 53 हजार 877 है। स्वास्थ्य विभाग के मानकों के हिसाब से इनमें 22 लाख 65 हजार 387 बच्चे अतिकुपोषित श्रेणी में हैं। इसके बावजूद अब तक ऐसे सिर्फ 1.4 लाख बच्चे चिह्नित थे। कुपोषण के मामले में सर्वाधिक खतरनाक रेड जोन होता है, जिसमें वे बच्चे रखे जाते हैं जो अपनी आयु की तुलना में बहुत कमजोर होते हैं। ऐसे बच्चों की अतिकुपोषित श्रेणी तलाशने के लिए बीते दिनों मुख्य सचिव के स्तर पर पहल हुई थी। सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों को सीधी जिम्मेदारी सौंप कर हर बच्चे का वजन लेना सुनिश्चित करने की बात कही गयी थी।
इसके बाद प्रदेश भर के एक करोड़ 97 लाख नौ हजार 707 बच्चों का वजन किया गया। इनमें से 11,77,933 बच्चे अतिकुपोषित निकले हैं, जिन्हें रेड जोन में शामिल कर लिया गया है। अब इन बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर निकालने के साथ ही शेष बचे 10 लाख 87 हजार 454 बच्चों को तलाशने की मुहिम भी शुरू की जाएगी। रेड जोन में शामिल किए गए बच्चों को पहले येलो जोन तक पहुंचाया जाएगा। येलो जोन में वे बच्चे होते हैं, जो कुपोषित और स्वस्थ बचपन की सीमारेखा पर होते हैं। येलो जोन के बाद इन बच्चों को स्वस्थ बच्चों के ग्र्रीन जोन में पहुंचाने की मशक्कत होगी। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविन्द कुमार के अनुसार रेड जोन में शामिल सभी बच्चों की मासिक जांच होगी। इन्हें दोगुना पुष्टाहार तो दिया ही जाएगा, उनके माता-पिता की काउंसिलिंग भी की जाएगी। नवजात शिशु को शत प्रतिशत स्तनपान कराकर कुपोषण से बचाया जा सकता है, इसलिए आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम के नेटवर्क को मजबूत कर हर स्तर पर प्रयास होंगे। हर माह होने वाले पोषण दिवस को और प्रभावी बनाया जाएगा। उन्हें विशेष रूप से विटामिन ए सप्लीमेंट भी दिये जाएंगे।  
---
-यूपी का हाल-
कुल बच्चे : 2,26,53,877
वजन हुआ : 1,97,09,707
अतिकुपोषित : 22,65,387
पहचाने गए : 11,77,933
अभी बचे हैं : 10,87,454

No comments:

Post a Comment