Friday 28 August 2015

अब सता रही मेडिकल छात्रों की जिंदगी की फिक्र

-व्यापमं घोटाले में हो रही मौतों से हैरान मेडिकल कालेज
-ढूंढ़े जा रहे आरोपी, मनोवैज्ञानिक काउंसिलिंग की तैयारी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले लगातार में हो रही मौतों से राज्य के मेडिकल कालेज खासे हैरान हैं। अब उन्हें इस घोटाले में फंसे अपने छात्रों की जिंदगी की फिक्र सता रही है। अब उन्हें ढूंढऩे के साथ उनकी मनोवैज्ञानिक काउंसिलिंग की भी तैयारी है।
व्यापमं फर्जीवाड़े में प्रदेश के मेडिकल कालेजों के सौ से अधिक छात्र फंसे हुए है। सिर्फ किंग जार्जेज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के ही 19 छात्र इस मामले में फंसे हैं। इसी तरह कानपुर मेडिकल कालेज के दस, मेरठ मेडिकल कालेज के 12 छात्रों सहित आगरा, झांसी व इलाहाबाद मेडिकल कालेजों के छात्र भी एसआईटी के निशाने पर हैं। इधर अचानक व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की मौत होने से सभी मेडिकल कालेजों में डर का वातावरण व्याप्त हो गया है। मेडिकल कालेजों के अधिकारी आरोपी छात्रों की जिंदगी को लेकर बेहद फिक्रमंद हैं। ऐसे तमाम छात्रों के अभिभावक कालेजों के प्राचार्यों से भी संपर्क कर उनके अवसाद में होने की जानकारी दे रहे हैं।
इन स्थितियों से निपटने के लिए मेडिकल कालेजों ने उन छात्रों से संपर्क करना शुरू कर दिया है, जिनसे एसआईटी ने पूछताछ की है। व्यापमं घोटाले की जांच के दौरान तमाम छात्र ऐसे हैं, जिनसे पूछताछ की गयी है, किन्तु उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। इन सभी छात्रों से मेडिकल कालेज प्रशासन अलग-अलग बात कर रहे हैं। इसके अलावा जो छात्र जमानत पर छूट कर आए हैं, उनसे भी बात हो रही है। कानपुर मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ.नवनीत कुमार का कहना है कि छात्र अत्यधिक परेशान हैं। ऐसे में मेडिकल कालेजों का प्रशासन कतई नहीं चाहता कि उनके मस्तिष्क पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़े। इसीलिए इन सभी छात्रों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण कर उनके काउंसिलिंग की रणनीति बनाई गयी है। किंग जार्जेज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मानसिक स्वास्थ्य विभागाध्यक्ष डॉ.एससी तिवारी का कहना है कि छात्र बेहद डरे हुए हैं। जिस तरह से हर रोज मौतें हो रही हैं, उससे वे सकते में हैं। हाल ही में एक छात्र जेल में बंद छात्रों से मिलकर आया था। उसने बताया कि सभी छात्र किसी अनहोनी की आशंका से डरे हुए हैं। तमाम अभिभावक भी संपर्क में हैं। एसआईटी ने जिन छात्रों से पूछताछ कर प्रथमदृष्ट्या क्लीनचिट दे दी है, वे भी खासे परेशान हैं। जमानत पर छूट कर आए छात्र तो बेहद दहशत में हैं। ऐसे सभी छात्रों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण कर उनकी काउंसिलिंग की जाएगी।

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