-स्वास्थ्य मंत्रालय तक रहेगी उपलब्धता की पूरी जानकारी
-दवा न देने वाले अफसरों पर चलेगा सरकार का 'डंडा
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं का गंभीर संकट तात्कालिक रूप से भले ही परेशान करने वाला हो, किन्तु यह दूरगामी समाधान की राह भी लाया है। अब सरकार ने सभी अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं का ब्योरा ऑनलाइन करने का फैसला लिया है। इससे नियमित रूप से दवाओं की उपलब्धता की पूरी जानकारी शासन तक रहेगी और दवा न देने वाले अफसरों पर 'डंडा चल सकेगा।
बीते कुछ दिनों से प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाएं न मिलने की शिकायतें शासन तक लगातार आ रही थीं। स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन के मुताबिक यह स्थिति तब थी, जबकि इस बार किसी भी तरह दवाएं कम न पडऩे देने के लिए शासन ने न सिर्फ समय पर दवा आपूर्तिकर्ताओं की सूची को अंतिम रूप दे दिया था, बल्कि उनके साथ दरों को अंतिम रूप देकर 'रेट कान्ट्रैक्ट भी तय कर दिया था। इसके बावजूद दवाएं न मिलने की बात चौंकाने वाली है। इससे निपटने के लिए अब सभी दवाओं का ब्योरा ऑनलाइन करने का फैसला हुआ है। इसके अंतर्गत सभी अस्पतालों में एक प्रभावी 'इन्वेन्टरी मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। इससे हर हाल में दवाओं की पूरी जानकारी कम्प्यूटरीकृत हो जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस ऑनलाइन प्रक्रिया में जैसे ही दवा अस्पताल में पहुंचेगी, उसका पूरा ब्योरा कम्प्यूटर पर दर्ज किया जाएगा। उसके बाद जैसे-जैसे प्रतिदिन जितनी दवाएं मरीजों को बांटी जाएंगी, उनका ब्योरा भी नियमित रूप से कम्प्यूटरीकृत होता जाएगा। जिस नेटवर्क के माध्यम से यह ब्योरा दर्ज होगा, उस नेटवर्क से जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक, सचिवालय में प्रमुख सचिव तक तो जुड़े ही होंगे, स्वास्थ्य मंत्री स्वयं भी उस पर नजर रखेंगे। ऐसे में कोई भी दवा उपलब्ध होते हुए उसे देने से इनकार नहीं कर पाएगा। साथ ही कोई दवा कितनी बची है, इसकी जानकारी भी रोज संबंधित प्रभारी अधिकारियों के पास आ जाएगी। इससे वे समय पर दवा मंगा सकेंगे। इससे अस्पतालों में दवा न मिलने की समस्या का समाधान भी हो जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया का सबसे अधिक लाभ यह होगा कि जिस स्तर पर भी लापरवाही होगा, वह तुरंत पता चल जाएगी। इसके बाद सरकार तुरंत संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। यही नहीं, यदि दवा आपूर्तिकर्ता के द्वारा समय पर आपूर्ति नहीं की जाएगी, तो उसके खिलाफ भी काली सूची में डालने जैसी कार्रवाई की जाएगी।
-दवा न देने वाले अफसरों पर चलेगा सरकार का 'डंडा
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं का गंभीर संकट तात्कालिक रूप से भले ही परेशान करने वाला हो, किन्तु यह दूरगामी समाधान की राह भी लाया है। अब सरकार ने सभी अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं का ब्योरा ऑनलाइन करने का फैसला लिया है। इससे नियमित रूप से दवाओं की उपलब्धता की पूरी जानकारी शासन तक रहेगी और दवा न देने वाले अफसरों पर 'डंडा चल सकेगा।
बीते कुछ दिनों से प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाएं न मिलने की शिकायतें शासन तक लगातार आ रही थीं। स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन के मुताबिक यह स्थिति तब थी, जबकि इस बार किसी भी तरह दवाएं कम न पडऩे देने के लिए शासन ने न सिर्फ समय पर दवा आपूर्तिकर्ताओं की सूची को अंतिम रूप दे दिया था, बल्कि उनके साथ दरों को अंतिम रूप देकर 'रेट कान्ट्रैक्ट भी तय कर दिया था। इसके बावजूद दवाएं न मिलने की बात चौंकाने वाली है। इससे निपटने के लिए अब सभी दवाओं का ब्योरा ऑनलाइन करने का फैसला हुआ है। इसके अंतर्गत सभी अस्पतालों में एक प्रभावी 'इन्वेन्टरी मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। इससे हर हाल में दवाओं की पूरी जानकारी कम्प्यूटरीकृत हो जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस ऑनलाइन प्रक्रिया में जैसे ही दवा अस्पताल में पहुंचेगी, उसका पूरा ब्योरा कम्प्यूटर पर दर्ज किया जाएगा। उसके बाद जैसे-जैसे प्रतिदिन जितनी दवाएं मरीजों को बांटी जाएंगी, उनका ब्योरा भी नियमित रूप से कम्प्यूटरीकृत होता जाएगा। जिस नेटवर्क के माध्यम से यह ब्योरा दर्ज होगा, उस नेटवर्क से जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक, सचिवालय में प्रमुख सचिव तक तो जुड़े ही होंगे, स्वास्थ्य मंत्री स्वयं भी उस पर नजर रखेंगे। ऐसे में कोई भी दवा उपलब्ध होते हुए उसे देने से इनकार नहीं कर पाएगा। साथ ही कोई दवा कितनी बची है, इसकी जानकारी भी रोज संबंधित प्रभारी अधिकारियों के पास आ जाएगी। इससे वे समय पर दवा मंगा सकेंगे। इससे अस्पतालों में दवा न मिलने की समस्या का समाधान भी हो जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया का सबसे अधिक लाभ यह होगा कि जिस स्तर पर भी लापरवाही होगा, वह तुरंत पता चल जाएगी। इसके बाद सरकार तुरंत संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। यही नहीं, यदि दवा आपूर्तिकर्ता के द्वारा समय पर आपूर्ति नहीं की जाएगी, तो उसके खिलाफ भी काली सूची में डालने जैसी कार्रवाई की जाएगी।
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