Saturday 22 August 2015

काउंसिलिंग की तैयारियों के बीच दोबारा सीपीएमटी की लड़ाई

--शुचिता का संघर्ष--
-एसजीपीजीआई में हुआ ऑनलाइन व्यवस्था का रिहर्सल
-छात्र-छात्राओं ने लगाए पोस्टर, जनता से मांग रहे समर्थन
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
उत्तर प्रदेश संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा (यूपीसीपीएमटी) की काउंसिलिंग की तैयारियों के बीच दोबारा परीक्षा कराने की लड़ाई भी चल रही है। गुरुवार को जहां संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में काउंसिलिंग की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया, वहीं छात्र छात्राओं ने जगह-जगह पोस्टर लगाकर जनता का समर्थन मांगना शुरू किया है।
यूपीसीपीएमटी में सफल छात्रों को एमबीबीएस व बीडीएस पाठ्यक्रमों में सीटों के आवंटन के लिए 22 जून से काउंसिलिंग शुरू होनी है। गुरुवार को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी की अगुवाई में एसजीपीजीआई के टेलीमेडिसिन विभाग में तैयारियों का रिहर्सल हुआ। यहां से कानपुर, इलाहाबाद व मेरठ मेडिकल कालेजों को जोड़ा जाएगा। इन चारो केंद्रों पर सीपीएमटी में सफल अभ्यर्थी जुटेंगे और अपने कॉलेज की च्वाइस लॉक करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पहले चरण की काउंसिलिंग 25 जून तक पूरी की जानी है। काउंसिलिंग के बाद आवंटित कालेजों में छात्र-छात्राओं को तीन जुलाई तक हर हाल में प्रवेश ले लेना होगा।
उधर यूपीसीपीएमटी में धांधली का आरोप लगा रहे छात्र-छात्राएं जनता से संपर्क कर अपनी लड़ाई में समर्थन मांग रहे हैं। इसके लिए कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, बनारस सहित प्रदेश के कई शहरों में पोस्टर लगाए गए हैं। इसके अलावा ये लोग सामाजिक संगठनों से भी संपर्क कर रहे हैं। इन छात्र-छात्राओं के आंदोलन से जुड़े स्वराज आंदोलन ट्रस्ट ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया है। ट्रस्ट के ट्रस्टी घनश्याम श्रीवास्तव के मुताबिक विश्वविद्यालय का कहना है कि शासनादेश के निर्देशों के अनुपालन में अभ्यर्थियों से प्रशअन पुस्तिका जमा कराई गयी, जबकि 10 मार्च को जारी शासनादेश में ऐसा कहीं नहीं लिखा है। शासनादेश में तो परीक्षा निर्विवाद व शुचिता के साथ संपन्न कराने की बात कही गयी है, किन्तु विश्वविद्यालय ऐसा संभव नहीं कर सका है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहले ही याचिका दाखिल कर चुके छात्र-छात्राएं लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर करने के साथ सुप्रीम कोर्ट की शरण में भी जा रहे हैं। ये लोग काउंसिलिंग रोकने की मांग कर रहे हैं।
ये हैं अभ्यर्थियों की मांगें
-25 मई को हुई यूपीसीपीएमटी की परीक्षा रद कर दुबारा कराई जाए, 22 से प्रस्तावित काउंसिलिंग रोकी जाए
-सभी मंडलों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग भवन बनें, जहां जैमर, सीसीटीवी कैमरे आदि लगाए जाएं
-पेपर लीक कराने व अनियमितता करने वालों के लिए सख्त कानून बनाकर इसे गैरजमानती अपराध घोषित किया जाए
-लाभार्थी अभ्यर्थियों के साथ उनके माता-पिता पर भी मुकदमा चले, क्योंकि पेपर आउट कराने में धन वही देते हैं

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