--फेसबुक पर सफाई पोस्ट!--
-फोन पर गालीगलौज व घर पर गुंडे भेजने का आरोप
-कहा, कर्मठ व पढ़े-लिखे लोग क्यों न लड़ें चुनाव?
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले वरिष्ठ आइएएस अफसर सूर्यप्रताप सिंह ने अब फेसबुक पर अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) पोस्ट की है। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विदेश जाते ही उन्होंने अपने वीआरएस प्रार्थनापत्र का एलान किया था और उनके लौटने से ठीक पहले एसपी की सफाई आई है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बीते मंगलवार को विदेश यात्रा पर गए थे। उसके बाद गुरुवार को सूर्यप्रताप सिंह ने मुख्यसचिव को बड़ा सा पत्र लिखकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी। उस पत्र में उन्होंने तमाम सवाल उठाए थे। यह पत्र उन्होंने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट भी किया है। अब मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने से ठीक पहले उन्होंने अपने वीआरएस पर सफाई भी फेसबुक पर पोस्ट की है। अपनी सफाई में उन्होंने यथाशक्ति मनोयोग से काम करने का दावा किया है। हालांकि उन्होंने माना है कि वे अवसर का लाभ उठाकर नौ साल के लिए विदेश में पढऩे भी चले गए। उन्होंने लिखा है कि अमेरिका से वापिस आने के बाद से पिछले दो वर्ष में प्रमुख सचिव के रूप में सात विभागों का मुंह देखा, जिस दौरान स्पष्ट आभास हुआ कि प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था भी जाति व पार्टी लाइन पर विभाजित हो चुकी है। उन्होंने अपने वर्तमान विभाग, सार्वजनिक उद्यम को कम महत्व वाला करार देकर कहा कि काम न होने के कारण उन्होंने सार्वजनिक रूप से महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने शुरू किये। दावा किया कि पिछले छह माह में निजी खर्चे पर, अवकाश लेकर 48 जनपदों का भ्रमण कर जनसमस्याओं को महसूस किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि झूठ की पोल खुलने से नाराज नेताओं ने न सिर्फ उन्हें इस्तीफा देकर राजनीति में आने की चुनौती दी, बल्कि फोन पर गालीगलौज भी कराया और घर पर गुंडे भेजे। ऐसे वातावरण में उन्होंने पद से चिपकने की बजाय शांति से जनसमस्याओं को उठाने का फैसला किया। उन्होंने सवाल उठाया कि पढ़े लिखे, साफ छवि के कर्मठ व निष्ठावान लोग चुनाव क्यों न लड़ें? इससे गंदगी का भी सफाया होगा, जैसा विकसित देशों में होता है।
-फोन पर गालीगलौज व घर पर गुंडे भेजने का आरोप
-कहा, कर्मठ व पढ़े-लिखे लोग क्यों न लड़ें चुनाव?
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले वरिष्ठ आइएएस अफसर सूर्यप्रताप सिंह ने अब फेसबुक पर अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) पोस्ट की है। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विदेश जाते ही उन्होंने अपने वीआरएस प्रार्थनापत्र का एलान किया था और उनके लौटने से ठीक पहले एसपी की सफाई आई है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बीते मंगलवार को विदेश यात्रा पर गए थे। उसके बाद गुरुवार को सूर्यप्रताप सिंह ने मुख्यसचिव को बड़ा सा पत्र लिखकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी। उस पत्र में उन्होंने तमाम सवाल उठाए थे। यह पत्र उन्होंने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट भी किया है। अब मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने से ठीक पहले उन्होंने अपने वीआरएस पर सफाई भी फेसबुक पर पोस्ट की है। अपनी सफाई में उन्होंने यथाशक्ति मनोयोग से काम करने का दावा किया है। हालांकि उन्होंने माना है कि वे अवसर का लाभ उठाकर नौ साल के लिए विदेश में पढऩे भी चले गए। उन्होंने लिखा है कि अमेरिका से वापिस आने के बाद से पिछले दो वर्ष में प्रमुख सचिव के रूप में सात विभागों का मुंह देखा, जिस दौरान स्पष्ट आभास हुआ कि प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था भी जाति व पार्टी लाइन पर विभाजित हो चुकी है। उन्होंने अपने वर्तमान विभाग, सार्वजनिक उद्यम को कम महत्व वाला करार देकर कहा कि काम न होने के कारण उन्होंने सार्वजनिक रूप से महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने शुरू किये। दावा किया कि पिछले छह माह में निजी खर्चे पर, अवकाश लेकर 48 जनपदों का भ्रमण कर जनसमस्याओं को महसूस किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि झूठ की पोल खुलने से नाराज नेताओं ने न सिर्फ उन्हें इस्तीफा देकर राजनीति में आने की चुनौती दी, बल्कि फोन पर गालीगलौज भी कराया और घर पर गुंडे भेजे। ऐसे वातावरण में उन्होंने पद से चिपकने की बजाय शांति से जनसमस्याओं को उठाने का फैसला किया। उन्होंने सवाल उठाया कि पढ़े लिखे, साफ छवि के कर्मठ व निष्ठावान लोग चुनाव क्यों न लड़ें? इससे गंदगी का भी सफाया होगा, जैसा विकसित देशों में होता है।
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