-बहराइच, फैजाबाद, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और बस्ती के प्रस्ताव
-चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय से भेजी जा चुकी परियोजना रिपोर्ट
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
सरकारी क्षेत्र के पांच मेडिकल कालेजों को केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार है। बहराइच, फैजाबाद, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और बस्ती में ये मेडिकल कालेज खोलने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय से भेजी जा चुकी है।
जानकारी के मुताबिक अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को अधिक 70 प्रतिशत आरक्षण की शर्त के साथ केंद्र सरकार स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत विशेष आर्थिक सहायता देकर नए मेडिकल कालेज खोलने की अनुमति देती है। इनके निर्माण व संचालन में आने वाले खर्च का 70 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करती है और शेष 30 प्रतिशत की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होती है। प्रदेश में अब तक चार जिलों, अम्बेडकर नगर, कन्नौज, जालौन, सहारनपुर में इसी योजना के तहत मेडिकल कालेज खुल चुके हैं।
इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने बहराइच, फैजाबाद, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद व बस्ती में मेडिकल कालेज खोलने का प्रस्ताव किया था। साथ ही तय हुआ था कि इन जिलों के जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज से संबद्ध कर मेडिकल कालेज अस्पताल का दर्जा दे दिया जाएगा। इससे प्रदेश सरकार अपने हिस्से के तीस फीसदी खर्चे में समायोजित करने में भी सफल हो जाती। केंद्रीय स्तर पर सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश सरकार की ओर चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने इन सभी प्रस्तावित मेडिकल कालेजों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर भेज भी दी है। इसके बावजूद अब तक केंद्र की ओर से मंजूरी न मिलने के कारण इन कालेजों का काम नहीं शुरू हुआ है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी के मुताबिक प्रदेश शासन स्तर पर ये कालेज खोलने को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। अब केंद्र से अनुमति मिलते ही स्पेशल कम्पोनेंट योजना के तहत ये कालेज खोल दिये जाएंगे।
एक कालेज पर 500 करोड़ खर्च
लखनऊ: एक मेडिकल कालेज बनाने में औसत खर्च 500 करोड़ रुपये के आसपास आने की उम्मीद है। केंद्र से इस राशि का बड़ा हिस्सा मिल जाने से इनका निर्माण आसान हो जाएगा। हाल ही में बने या निर्माणाधीन कालेजों की बात करें तो सहारनपुर मेडिकल कालेज के लिए 510 करोड़, बांदा के लिए 404 करोड़, जालौन के लिए 388 करोड़, बदायूं के लिए 542 करोड़, आजमगढ़ के लिए 497 करोड़, अम्बेडकर नगर के लिए 496 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गयी है।
-चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय से भेजी जा चुकी परियोजना रिपोर्ट
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
सरकारी क्षेत्र के पांच मेडिकल कालेजों को केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार है। बहराइच, फैजाबाद, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और बस्ती में ये मेडिकल कालेज खोलने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय से भेजी जा चुकी है।
जानकारी के मुताबिक अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को अधिक 70 प्रतिशत आरक्षण की शर्त के साथ केंद्र सरकार स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत विशेष आर्थिक सहायता देकर नए मेडिकल कालेज खोलने की अनुमति देती है। इनके निर्माण व संचालन में आने वाले खर्च का 70 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करती है और शेष 30 प्रतिशत की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होती है। प्रदेश में अब तक चार जिलों, अम्बेडकर नगर, कन्नौज, जालौन, सहारनपुर में इसी योजना के तहत मेडिकल कालेज खुल चुके हैं।
इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने बहराइच, फैजाबाद, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद व बस्ती में मेडिकल कालेज खोलने का प्रस्ताव किया था। साथ ही तय हुआ था कि इन जिलों के जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज से संबद्ध कर मेडिकल कालेज अस्पताल का दर्जा दे दिया जाएगा। इससे प्रदेश सरकार अपने हिस्से के तीस फीसदी खर्चे में समायोजित करने में भी सफल हो जाती। केंद्रीय स्तर पर सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश सरकार की ओर चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने इन सभी प्रस्तावित मेडिकल कालेजों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर भेज भी दी है। इसके बावजूद अब तक केंद्र की ओर से मंजूरी न मिलने के कारण इन कालेजों का काम नहीं शुरू हुआ है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी के मुताबिक प्रदेश शासन स्तर पर ये कालेज खोलने को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। अब केंद्र से अनुमति मिलते ही स्पेशल कम्पोनेंट योजना के तहत ये कालेज खोल दिये जाएंगे।
एक कालेज पर 500 करोड़ खर्च
लखनऊ: एक मेडिकल कालेज बनाने में औसत खर्च 500 करोड़ रुपये के आसपास आने की उम्मीद है। केंद्र से इस राशि का बड़ा हिस्सा मिल जाने से इनका निर्माण आसान हो जाएगा। हाल ही में बने या निर्माणाधीन कालेजों की बात करें तो सहारनपुर मेडिकल कालेज के लिए 510 करोड़, बांदा के लिए 404 करोड़, जालौन के लिए 388 करोड़, बदायूं के लिए 542 करोड़, आजमगढ़ के लिए 497 करोड़, अम्बेडकर नगर के लिए 496 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गयी है।
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