Saturday 22 August 2015

मेडिकल कालेजों में मचेगी भगदड़

--एआईपीएमटी रद होने के बाद--
-टॉप रैंकर्स के राज्य के कालेज छोड़ कर जाने का खतरा
-15 प्रतिशत एमबीबीएस सीटें तो पहले दिन से ही रहेंगी खाली
डॉ.संजीव, लखनऊ
देश के मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए होने वाली अखिल भारतीय परीक्षा एआईपीएमटी रद होने के बाद राज्य के अभ्यर्थियों में भ्रम की स्थिति है। इस कारण मेडिकल कालेजों में भगदड़ जैसी स्थिति बनने की संभावना जताई जा रही है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में शैक्षिक सत्र की शुरुआत एक सितंबर से हो जानी है। इसीलिए चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय 25 जून तक पहले चरण और 27 जुलाई तक दूसरे चरण की काउंसिलिंग की योजना बना चुका है। यूपीसीपीएमटी का परीक्षा परिणाम जल्दी आने के बाद पहले चरण की काउंसिलिंग 22 जून से होनी है। सीपीएमटी में सफल अधिकांश छात्र एआईपीएमटी में भी बैठे थे। दुबारा एआईपीएमटी होने के कारण उन्होंने फिर से पढ़ाई भी शुरू कर दी है। ऐसे में मेधावी छात्र खासे परेशान हैं। एआईपीएमटी से एएफएमसी पुणे, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कालेजों सहित देश के अखिल भारतीय शिक्षा संस्थानों में तो प्रवेश होता ही है, राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल कालेजों में 15 फीसदी कोटा होने से मेधावी अभ्यर्थियों को अच्छा कालेज मिलने की उम्मीद भी होती है। ऐसे में छात्र-छात्राओं के बीच भ्रम की स्थिति है। वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि एआईपीएमटी की तैयारी पर फोकस करें या सीपीएमटी काउंसिलिंग की तैयारी करें।
राज्य के मेडिकल कालेजों में 85 फीसदी सीटें तो सीपीएमटी से भरी जाती हैं, किन्तु 15 फीसदी सीटें एआईपीएमटी से भरी जाती हैं। एआईपीएमटी विलंब से होने के कारण ये सीटें तो हर हाल में खाली रहेंगी ही, सीपीएमटी काउंसिलिंग में राज्य के मेडिकल कालेजों में प्रवेश लेने वाले तमाम छात्र यदि एआईपीएमटी में अच्छी रैंक पाते हैं तो वे भी छोड़ कर चले जाएंगे। ऐसे में रैंकिंग के मामले में आगे रहने वाले लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, आगरा, मेरठ के मेडिकल कालेजों पर ज्यादा असर पड़ेगा। सीपीएमटी के टॉप रैंकर्स भी यहीं प्रवेश लेते हैं और एआईपीएमटी में भी उन टॉप रैंकर्स की ही अच्छी रैंक आने की उम्मीद रहती है। सामान्य स्थितियों में सीपीएमटी काउंसिलिंग में भाग नहीं लेते हैं, किन्तु इस बार ऐसा नहीं होने वाला है। ऐसे में मेडिकल कालेजों में भगदड़ मचना अवश्यंभावी माना जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी ने भी स्वीकार किया कि इस कारण थोड़ी बहुत दिक्कतें आएंगी। उन्होंने कहा कि विभाग समय पर काउंसिलिंग शुरू कराएगा और मेडिकल कालेजों में प्रवेश भी करा लिये जाएंगे। एआईपीएमटी काउंसिलिंग के बाद बदली स्थितियों से भी समयबद्ध ढंग से निपट लिया जाएगा।

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