Saturday 22 August 2015

यूपीसीपीएमटी पर भी खतरे के बादल!

-सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी में छात्र-छात्राएं
-राज्यपाल से मिलने के लिए मांगा समय, उठाए सवाल
डॉ.संजीव, लखनऊ
देश के मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए होने वाली अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा (एआईपीएमटी) रद होने के बाद अब उत्तर प्रदेश संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा (यूपीसीपीएमटी) पर भी खतरे के बादल छा गए हैं। पूरी तैयारी के साथ छात्र-छात्राएं सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी में हैं, वहीं तमाम गंभीर सवाल उठाते हुए राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है।
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएचएमएस, बीएएमएस व बीयूएमएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित सीपीएमटी इस बार शुरू से ही तमाम बदलावों व आशंकाओं से गुजर रही है। पहले यह परीक्षा 24 मई 2015 को कराने का प्रस्ताव हुआ था, फिर अचानक 8 अप्रैल को परीक्षा 25 मई को कराने के आदेश हुए। परीक्षा वाले दिन पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ में एक दर्जन लोगों को सीपीएमटी का पर्चा आउट करते हुए पकड़ा और उनके पास से पर्चे की फोटो कापी भी बरामद की। इस पर परीक्षा रद कराने के लिए परीक्षार्थी इलाहाबाद उच्च न्यायालय गए. जहां 28 जुलाई को अगली सुनवाई होनी है। इस बीच अंबेडकर नगर के ब्रजेश मौर्य व गौरव पाण्डेय, बहराइच के दिलीप गुप्ता और बलरामपुर के नवनीत त्रिपाठी भी उच्च न्यायालय गए तो उनकी याचिका को भी 28 जुलाई की सुनवाई वाली याचिका से संबद्ध कर दिया गया।
इन छात्र-छात्राओं का कहना है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद जिस रफ्तार से काम हो रहा है, उससे सवाल उठ रहे हैं। सीपीएमटी प्रॉस्पेक्टस में दी गयी तिथियों के अनुसार परीक्षाफल 15 जून को घोषित होना था, किन्तु 9 दिन पहले ही घोषित कर दिया गया। इसी तरह सॉल्वर जिन छात्र-छात्राओं को नकल कराने के लिए जुटे थे, उनके बारे में कोई फॉलोअप नहीं हुआ। जो ऑन्सर शीट सामने आई है, वह भी चौंकाने वाली है, क्योंकि उनके ऑन्सर पैटर्न लगभग एक जैसे हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि वे लोग अब सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे। इन्हीं परिस्थितियों में एआईपीएमटी रद होने के कारण उनमें न्याय की आस जगी है। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राज्यपाल राम नाईक से भी समय मांगा है, ताकि उनके संज्ञान में मामला लाकर कार्रवाई सुनिश्चित करा सकें।
ये हैं परीक्षार्थियों के सवाल
-आखिर परीक्षाफल 15 जून की जगह 6 जून की रात क्यों घोषित हुआ?
-12 सॉल्वर लखनऊ व 30 पटना में बैठकर जिनकी मदद कर रहे थे, वे अभ्यर्थी कौन हैं और सीपीएमटी परीक्षाफल में उनकी कौन सी रैंक आई है?
-सीपीएमटी की जो ऑन्सर शीट जारी हुई है, उसमें क्रमवार पैटर्न एक जैसा क्यों है?
-ऐसा क्या था कि आनन-फानन में पूरी परीक्षा प्रक्रिया को क्लीन चिट दे दी गयी?
परीक्षाफल जारी, काउंसिलिंग की तैयारी
''प्रवेश परीक्षा के स्तर तक हमारी कोई भूमिका नहीं होती है। पं.दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने हमें परीक्षाफल सौंप दिया है। हम उसकी रैंकिंग के हिसाब से काउंसिलिंग की तैयारी कर रहे हैं। हम पूरी प्रक्रिया में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं। डॉ.वीएन त्रिपाठी, चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक

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