-अल्पसंख्यक संस्था की शर्त हटने से बढ़ीं उम्मीदें
-बीएचएमएस को लेकर छात्र-छात्राओं में उत्साह
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
निजी क्षेत्र में मेडिकल व डेंटल कालेज खोलने के बाद अब प्रदेश शासन निजी होम्योपैथी कालेजों को बढ़ावा देने पहल कर रहा है। निजी होम्योपैथी कालेज खोलने के लिए अल्पसंख्यक संस्था होने की शर्त हटने के बाद इस दिशा में सकारात्मक उम्मीदें बढ़ी हैं। वहीं छात्र-छात्राओं में भी बीएचएमएस को लेकर उत्साह बढ़ रहा है।
इस समय राज्य में सात सरकारी व तीन निजी क्षेत्र के होम्योपैथी मेडिकल कालेज हैं। सरकारी क्षेत्र के कालेज लखनऊ, कानपुर, फैजाबाद, आजमगढ़, गाजीपुर, मुरादाबाद व इलाहाबाद तथा निजी कालेज नोएडा, आगरा व इलाहाबाद में हैं। अभी तक निजी क्षेत्र में सिर्फ अल्पसंख्यक संस्थाओं को ही होम्योपैथी मेडिकल कालेज खोलने की अनुमति थी। हाल ही में प्रदेश शासन ने निजी क्षेत्र में होम्योपैथी कालेज खोलने के लिए यह शर्त समाप्त कर दी है। इसके बाद होम्योपैथी निदेशालय से लेकर शासन स्तर तक के अधिकारी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अब तमाम लोग निजी होम्योपैथी कालेज खोलने के लिए आगे आ रहे हैं। निजी क्षेत्र के कई विश्वविद्यालयों ने भी इस दिशा में रुचि दर्शाई है।
इस उत्साह के पीछे एक कारण यह भी है कि पिछले कुछ वर्षों में बीएचएमएस करने को लेकर छात्र-छात्राओं में अधिक उत्साह देखा गया है। सीपीएमटी की काउंसिलिंग में भी एमबीबीएस के बाद सबसे पहले बीएचएमएस की सीटें भरती हैं। बीएचएमएस की सीटें बीएएमएस, बीयूएमएस से तो पहले भर ही जाती थीं, इधर छात्र-छात्राएं बीडीएस की तुलना में बीएचएमएस करना पसंद कर रहे हैं। प्रदेश के निदेशक होम्योपैथी डॉ.विक्रमा प्रसाद का कहना है कि सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी की शर्तों के अनुरूप अब कोई भी होम्योपैथी मेडिकल कालेज के लिए आवेदन कर सकता है। पचास सीटों के कालेज के लिए ढाई एकड़ व सौ सीटों तक के लिए चार एकड़ जमीन होना जरूरी है। इसके अलावा डेढ़ सौ शैय्या का अस्पताल व अन्य ढांचागत सुविधाओं के साथ आवेदन किया जा सकता है।
-बीएचएमएस को लेकर छात्र-छात्राओं में उत्साह
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
निजी क्षेत्र में मेडिकल व डेंटल कालेज खोलने के बाद अब प्रदेश शासन निजी होम्योपैथी कालेजों को बढ़ावा देने पहल कर रहा है। निजी होम्योपैथी कालेज खोलने के लिए अल्पसंख्यक संस्था होने की शर्त हटने के बाद इस दिशा में सकारात्मक उम्मीदें बढ़ी हैं। वहीं छात्र-छात्राओं में भी बीएचएमएस को लेकर उत्साह बढ़ रहा है।
इस समय राज्य में सात सरकारी व तीन निजी क्षेत्र के होम्योपैथी मेडिकल कालेज हैं। सरकारी क्षेत्र के कालेज लखनऊ, कानपुर, फैजाबाद, आजमगढ़, गाजीपुर, मुरादाबाद व इलाहाबाद तथा निजी कालेज नोएडा, आगरा व इलाहाबाद में हैं। अभी तक निजी क्षेत्र में सिर्फ अल्पसंख्यक संस्थाओं को ही होम्योपैथी मेडिकल कालेज खोलने की अनुमति थी। हाल ही में प्रदेश शासन ने निजी क्षेत्र में होम्योपैथी कालेज खोलने के लिए यह शर्त समाप्त कर दी है। इसके बाद होम्योपैथी निदेशालय से लेकर शासन स्तर तक के अधिकारी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अब तमाम लोग निजी होम्योपैथी कालेज खोलने के लिए आगे आ रहे हैं। निजी क्षेत्र के कई विश्वविद्यालयों ने भी इस दिशा में रुचि दर्शाई है।
इस उत्साह के पीछे एक कारण यह भी है कि पिछले कुछ वर्षों में बीएचएमएस करने को लेकर छात्र-छात्राओं में अधिक उत्साह देखा गया है। सीपीएमटी की काउंसिलिंग में भी एमबीबीएस के बाद सबसे पहले बीएचएमएस की सीटें भरती हैं। बीएचएमएस की सीटें बीएएमएस, बीयूएमएस से तो पहले भर ही जाती थीं, इधर छात्र-छात्राएं बीडीएस की तुलना में बीएचएमएस करना पसंद कर रहे हैं। प्रदेश के निदेशक होम्योपैथी डॉ.विक्रमा प्रसाद का कहना है कि सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी की शर्तों के अनुरूप अब कोई भी होम्योपैथी मेडिकल कालेज के लिए आवेदन कर सकता है। पचास सीटों के कालेज के लिए ढाई एकड़ व सौ सीटों तक के लिए चार एकड़ जमीन होना जरूरी है। इसके अलावा डेढ़ सौ शैय्या का अस्पताल व अन्य ढांचागत सुविधाओं के साथ आवेदन किया जा सकता है।
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