Saturday 22 August 2015

होम्योपैथी मेडिकल कालेजों को भी संविदा का सहारा

-कालेजवार बनाई जाएंगी चयन समितियां
-सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी देंगे अवसर
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
राज्य में होम्योपैथी शिक्षकों की कमी अब यहां होम्योपैथी मेडिकल कालेजों की मान्यता पर संकट पैदा कर रही है। इससे निपटने के लिए होम्योपैथी मेडिकल कालेज भी अब एलोपैथी मेडिकल कालेजों की तर्ज पर संविदा पर शिक्षकों की भर्ती करने जा रहे हैं।
प्रदेश में सरकारी क्षेत्र के सात होम्योपैथी मेडिकल कालेज कानपुर, लखनऊ, फैजाबाद, आजमगढ़, गाजीपुर, मुरादाबाद व इलाहाबाद में संचालित हैं। ये सभी कालेज शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। हर कालेज में बीएचएमएस पाठ्यक्रम के संचालन के लिए कम से कम 12 प्रवक्ता व 12 प्रोफेसर व रीडर होने चाहिए। हालात ये हैं कि इनमें से किसी भी कालेज में शिक्षकों के पद पूरे नहीं हैं। होम्योपैथी महानिदेशालय द्वारा कई बार कहे जाने के बावजूद इस दिशा में कोई सार्थक कोशिश नहीं हुई है। ऐसे में इन कालेजों के सामने केंद्रीय होम्योपैथी चिकित्सा परिषद की ओर से बार-बार मान्यता का संकट भी पैदा हो रहा है। अब इन स्थितियों से निपटने के लिए होम्योपैथी चिकित्सा शिक्षा प्रशासन एलोपैथी चिकित्सा शिक्षा प्रशासन की तर्ज पर काम करने जा रहा है।
हर मेडिकल कालेज के लिए लोक सेवा आयोग को जरूरी पदों का अधियाचन भेजा ही गया है, साथ ही संविदा पर शिक्षकों को तैनात करने की भी तैयारी है। प्रदेश को होम्योपैथी निदेशक डॉ.विक्रमा प्रसाद का कहना है कि कॉलेजवार चयन समिति बनाकर प्रवक्ताओं की कमी को पूरा किया जाएगा। इसके लिए लोक सेवा आयोग व होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के मानकों के अनुरूप होम्योपैथी में एमडी धारक अभ्यर्थियों को शिक्षक के रूप में संविदा पर काम करने का मौका दिया जाएगा। इसके अलावा होम्योपैथी कालेजों से सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी संविदा पर रखा जाएगा। इससे तात्कालिक रूप से समस्या का समाधान हो जाएगा।

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