Friday 28 August 2015

सूबे की 59 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी

-तीन माह भीतर घोषित होगी राज्य की नयी जनसंख्या नीति
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
राज्य की 59 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी है। स्वास्थ्य विभाग जनसंख्या नियोजन के साथ उनकी सेहत ठीक रखना सुनिश्चित करने की भी रणनीति बना रहा है। शुक्रवार को यहां राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेन्सी (सिफ्सा)की पहल पर आयोजित मीडिया कार्यशाला में यह जानकारी दी गयी।
राज्य के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविन्द कुमार ने बताया कि शनिवार को विश्व जनसंख्या दिवस पर पूरे प्रदेश में रैलियां निकाली जाएंगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने 5, कालीदास मार्ग स्थित आवास से राज्य स्तरीय रैली को रवाना करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य की नयी जनसंख्या नीति अगले तीन माह के भीतर घोषित होगी। अब पूरा जोर प्रजनन दर को 3.1 से 2.1 करने पर है। इसके लिए 11 से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान जनपद स्तर पर स्वास्थ्य मेले भी लगाए जाएंगे।
हर जोड़े व गांव तक कार्ययोजना
प्रमुख सचिव ने बताया कि गांव तक परिवार कल्याण कार्यक्रमों को लागू करने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गयी है। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ता हर जोड़े से मिलकर उसे परिवार नियोजन का महत्व समझाएंगे। इस समय राज्य में 260 परिवार नियोजन सलाहकार काम कर रहे हैं। उन्हें विशेष सफलता मिलने पर इन्सेन्टिव देने पर भी विचार हो रहा है। उन्होंने बताया कि अवैध ढंग से चल रहे अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर नियंत्रण के लिए जनता सीधे शिकायत कर सकती है। क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट बनाने की प्रक्रिया चल रही है, उसे लागू करने में अभी समय लगेगा।
अभी जोडऩे होंगे 1.24 करोड़ दंपति
प्रदेश की परिवार कल्याण निदेशक डॉ.मीनू सागर ने कहा कि वर्ष 2020 तक परिवार नियोजन का अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमें 1.24 करोड़ दंपति और इस अभियान से जोडऩे होंगे। अभी तक हम 1.21 करोड़ लोग जोड़ चुके हैं। सिफ्सा के अपर अधिशासी निदेशक रिग्जियान सैम्फिल ने बताया कि 102 नंबर डायल की 2000 व 108 नंबर डायल की 1000 एम्बुलेंस सक्रिय हैं। राज्य के 25 जिलों में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के विशेष प्रयास हो रहे हैं। प्रदेश की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.विजय लक्ष्मी ने कहा कि जच्चा-बच्चा की सेहत को लेकर ब्लाक स्तर तक समीक्षा की जा रही है। साथ ही टीकाकरण पर भी फोकस है।
'आबादी कम वृक्ष हजार, बेटी को दो जन्म का अधिकार
लखनऊ: सिफ्सा के अधिशासी निदेशक अमित घोष ने बताया कि इस वर्ष 'आबादी कम वृक्ष हजार, बेटी को दो जन्म का अधिकारÓ नारे के साथ मातृ-शिशु वर्ष मनाया जा रहा है। इसके अलावा परिवार कल्याण के लिए नये कार्यक्रम हौसला साझेदारी की शुरुआत भी की गयी है, जिसमें निजी क्षेत्र को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि सुरक्षित मातृत्व से परिवार नियोजन का रास्ता खुलता है। इसके आंकलन के लिए जिलावार ऑडिट कराया जाएगा।

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