Friday 28 August 2015

मलिन बस्तियों में खुलेंगे 548 अस्पताल

-शहरी क्षेत्रों में होगी 6600 आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति
-24 करोड़ खर्च कर आशा-एएनएम को तीन माह प्रशिक्षण
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
समाज के अंतिम व्यक्ति तक सम्पूर्ण इलाज की सुविधाएं पहुंचाने के लिए राज्य की मलिन बस्तियों में 548 अस्पताल खोले जाएंगे। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में 6600 आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी।
शासन स्तर पर यह बात गंभीरता से महसूस की जा रही है कि ग्र्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियां भी इलाज के मामले में उपेक्षित हैं। इसीलिए अब शहरी क्षेत्रों में मलिन बस्तियों में रहने वालों के इलाज व उनके फालोअप पर विशेष जोर देने की रणनीति बनाई गयी है। प्रदेश के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने बताया कि ग्र्रामीण क्षेत्रों में ब्लाक स्तर तक अस्पताल खोलने के बाद अब शहरी क्षेत्र में 548 मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे। इस मुद्दे पर फैसला हो गया है और अगले तीन-चार महीनों के भीतर अमल हो जाएगा। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को न सिर्फ इलाज में आसानी होगी, बल्कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ भी अधिक उठा सकेंगे।
प्रमुख सचिव ने बताया कि ग्र्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं के महिलाओं से सीधे संवाद का लाभ स्वास्थ्य विभाग को मिल रहा है। अब शहरी क्षेत्रों में 6600 आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा महिला आरोग्य समितियों का गठन कर हर मरीज का इलाज सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के साथ ही सूबे में आशा व एएनएम के रूप में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम पर 24 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हाल ही में राज्य के 59 जनपदों में 4970 आशा कार्यकर्ताओं और 39 जनपदों के 1.66 लाख स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया, ताकि वे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर सकें।

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