Monday 31 August 2015

स्वास्थ्य मिशन में लापरवाह 168 अफसरों का वेतन रोका

-जननी सुरक्षा योजना को लेकर गंभीर नहीं
-न सुधरे तो और कड़ी कार्रवाई को चेताया
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में लापरवाही बरतने वाले 168 अफसरों का वेतन रोक दिया गया है। इन पर जननी सुरक्षा योजना को लेकर गंभीर न होने का आरोप है। इसके साथ ही इन्हें न सुधरने पर और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है।
जानकारी के मुताबिक सूबे भर में चल रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों में जननी सुरक्षा योजना व जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम मुख्य हैं। इन्हें तीन 'एÓ यानी आशा, एएनएम व आंगनवाड़ी के संयोजन से चलाया जाता है। इस समय स्वास्थ्य महकमे का पूरा जोर जननी सुरक्षा योजना पर है। बुधवार को प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने इन योजनाओं की समीक्षा की तो पता चला कि सूबे के 168 अफसर कामकाज में लापरवाही बरत रहे हैं। इनमें जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम), डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (डीसीपीएम) व जिला लेखा प्रबंधक (डीएएम) शामिल हैं।
इन अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे आशा, एएनएम व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनें और समयबद्ध ढंग से उनका समाधान करें। बीते दिनों कई आशा कार्यकर्ताओं ने तमाम सार्वजनिक कार्यक्रमों में खुल कर इन अफसरों द्वारा उपेक्षा किये जाने व उनके आर्थिक भुगतान तक समय पर न कराने की शिकायत की थी। स्वयं स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन द्वारा पिछले सप्ताह हुई समीक्षा में भी यह मुद्दा उठा था। बुधवार को हुई समीक्षा में भी यह तथ्य प्रकाश में आया कि इनमें से तमाम अफसर आशा कार्यकर्ताओं के सम्पर्क में भी नहीं हैं। उनकी सुनते नहीं हैं और स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों का अनुपालन आधा भी नहीं हुआ है। इस पर सभी 168 अफसरों के वेतन रोकने के निर्देश दे दिये गए हैं। साथ ही उन्हें तत्काल आशा कार्यकर्ताओं की वित्तीय समस्याओं को दूर करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए हैं। ऐसा न करने पर उन्हें निलंबन सहित और कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा गया है। अगले माह पुन: इन सभी के कामकाज की समीक्षा की जाएगी।

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